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रहस्यमयी बीमारी, जिससे सुनाई देने लगती हैं अजीबोगरीब आवाजें… ‘हवाना सिंड्रोम’ की जांच कराएगी केंद्र सरकार

तरुण का कहना है कि रॉ, सीबीआई, आईबी आदि भारतीय सरकार के राजनेताओं जैसे पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर के ‘दिमागों की रक्षा’ कैसे करेंगे. अगर अमेरिका और चीन ने बायो-इलेक्ट्रॉनिक वेपन्स के जरिए अटैक किया?

Havana Syndrome ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

Havana Syndrome ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

Havana Syndrome: रहस्यमयी बीमारी ‘हवाना सिंड्रोम’ के बारे में जानकारी सामने तब आई, जब 2016 में हवाना के अमेरिकी दूतावास में कई राजनयिकों ने बीमार होने की शिकायत की थी. अब एक बार फिर से ये बीमारी सुर्खियों में है. केंद्र सरकार जल्द ही भारत में ‘हवाना सिंड्रोम’ की जांच कराने जा रही है. सरकार ने पिछले महीने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ए अमरनाथ चागु की याचिका पर अदालत में सुनवाई के दौरान यह दलील दी. लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के एक याचिकाकर्ता ने भारत में इस सिंड्रोम की जांच करने और सरकार से देश के इसके प्रसारण को रोकने के लिए उपाय की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.

क्या है हवाना सिंड्रोम?

बता दें कि हवाना बीमारी के बारे में पहली बार 2016 में जानकारी सामने आई थी. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी के लक्षणों में माइग्रेन, मतली, याददाश्त में कमी, चक्कर आना, बिना किसी बाहरी शोर के आवाज सुनना और चक्कर आना शामिल हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इसके लक्षण कई महीनों तक बने रह सकते हैं.

रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में वियना, पेरिस, जिनेवा, बीजिंग और हवाना सहित दुनिया भर में राजनयिकों, जासूसों और अमेरिकी अधिकारियों ने इस रहस्यमयी बीमारी की शिकायत की है. पिछले साल न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी डॉक्टरों की एक टीम ने लगभग 1 हजार सैंपलों की जांच की.

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रवि तरुण का चौंकाने वाला खुलासा

रवि तरुण ने कहा कि मेरे पास इन ‘हथिरायों’ के बारे में काफी जानकारी है. भारत में ऐसे बहुत से ‘हवाना सिंद’ पीड़ित हैं जो कभी अमेरिका भी नहीं गए. हरियाणा से दिशा चावला, मुंबई से हेमंत पांडे, गुड़गांव से रोहित डालमिया, बेंगलुरु से सुजा विजिल और कुछ अन्य लोगों का एक फेसबुक ग्रुप है, जिसका नाम ‘इंडियन पीपल अगेंस्ट बायो-इलेक्ट्रॉनिक वेपन्स’ है.

क्या बायो-इलेक्ट्रॉनिक वेपंस है ‘हवाना’?

तरुण का कहना है कि रॉ, सीबीआई, आईबी आदि भारतीय सरकार के राजनेताओं जैसे पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर के ‘दिमागों की रक्षा’ कैसे करेंगे. अगर अमेरिका और चीन ने बायो-इलेक्ट्रॉनिक वेपन्स के जरिए एटेक किया. वे यह भी नहीं जानते हैं कि ये हथियार मौजूद हैं? यह वास्तव में एक बहुत ही गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा है.

रवि तरुण ने कहा कि मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं और 15 वर्षों से अधिक समय से हवाना सिंड्रोम का शिकार हूं. मैं लास वेगास में रहता हूं लेकिन इस समय भारत की यात्रा पर हूं.

-भारत एक्सप्रेस



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