रोवर ने लैंडर विक्रम की तस्वीर ली. (फोटो- @ISRO)
Chandrayaan-3: प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) चांद के साउथ पोल पर घूम रहा है. इस बीच रोवर ने विक्रम लैंडर (Vikram Lander) की पहली फोटो ली है, जिसे इसरो ने शेयर किया है. ISRO ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “स्माइल प्लीज. आज सुबह प्रज्ञान रोवर ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है. यह तस्वीर रोवर ने ऑनबोर्ड नेविगेशन कैमरा (NavCam) से ली गई है.”
रोवर चांद पर उतरने के बाद वहां जानकारियां जुटाने में लगा हुआ है. चंद्रयान-3 के रोवर का कुल वजन 26 kg है. यह तीन फीट लंबा, 2.5 फीट चौड़ा और 2.8 फीट ऊंचा है. छह पहियों पर चलता है. इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव इलाके में ऑक्सीजन होने की पुष्टि की है. यह काम प्रज्ञान में लगे पेलोड यानी यंत्र लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) ने किया.
ऑक्सीजन के बाद हाइड्रोजन की खोज में जुटा रोवर
चांद की सतह पर चंद्रयान-3 का यह पहला इन-सीटू एक्सपेरिमेंट था. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने बताया कि अब ‘प्रज्ञान’ चांद पर हाइड्रोजन की खोज कर रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर चांद पर ऑक्सीजन के बाद हाइड्रोजन भी मिलता है, तो चांद पर पानी बनाना आसान हो जाएगा.
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इससे पहले चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के 5वें दिन (28 अगस्त को) दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा था, जिसके मुताबिक, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी है. इतना ही नहीं, वहां एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी की भा पता चला है.
Chandrayaan-3 Mission:
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE
— ISRO (@isro) August 30, 2023
ISRO ने बताया है कि चांद की सतह पर मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, वहीं अब हाइड्रोजन की खोज जारी है्. इससे पहले, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (ChaSTE) पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था. ChaSTE की वजह से पता चला कि चांद की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है.
चंद्रयान-3 की सफलता से इसरो बहुत उत्साहित है. इसरो के वैज्ञानिकों ही नहीं, दुनिया भर के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने से चंद्रमा से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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