जेके मैन की 'लेट्स टॉक लाइब्रेरी' ग्रामीण कश्मीर में प्रेरक परिवर्तन है
Jammu Kashmir: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के सुंदर लैंडस्केप में बसे हलमथपोरा के दूर के गांव में मुबशीर मुश्ताक ने अकेले ही एक मुफ्त पुस्तकालय की स्थापना की. जो कि लोगों के लिए एक नयी आशा की किरण है. अपनी निस्वार्थ पहल ‘लेट्स टॉक लाइब्रेरी’ के माध्यम से मुबशिर ने एक बेहतर समाज बनाने के लिए एक मिसाल कायम की है. मुबशिर ने शानदार तरीके से मुफ्त पुस्तकालय की स्थापना करके अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है जो आने वाले समय में लोगों के लिए एक मिसाल बनने वाली है. बाल मजदूरी में फंसे पड़ोसी गांवों के कई बच्चों को देखकर मुबशिर को लाइब्रेरी बनाने का विचार आया था. आगे पूछताछ करने पर पता चला कि किताबों तक उनकी पहुंच की कमी ने उन्हें शिक्षा छोड़ने के लिए प्रेरित किया.
बदलाव लाने के लिए दृढ़ निश्चयी मुबाशिर ने बाल श्रम के खिलाफ अभियान शुरू किया और उन लोगों को मुफ्त किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी की जो उन्हें खरीद नहीं सकते.
साल 2020 में हुई थी शुरुआत
इस अभियान की शुरुआत साल 2020 में हुई थी, लेकिन उन समय कोरोना की वजह से मुबाशिर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. क्योंकि उन दिनों कोविड के चलते कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. मुबशिर को पढ़ने के लिए किताबें खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इससे पुस्तकालय स्थापित करने के उनके संकल्प को और बल मिला. अगले डेढ़ साल के लिए मैंने अपने दोस्तों, एसपी कॉलेज श्रीनगर के प्रोफेसरों, साथ ही कुपवाड़ा और मेरे पैतृक गांव के दोस्तों से किताबें एकत्र कीं.
पुस्तकालय में 52 छात्रों किया पंजीकरण
मौजूदा समय में पुस्तकालय में 52 छात्रों का पंजीकरण है, जिनके पास 3,000 से अधिक विविध पुस्तकों तक पहुंचने का विशेषाधिकार है. संग्रह में प्रतिस्पर्धी किताबें, अंग्रेजी साहित्य, उर्दू साहित्य, इस्लामी साहित्य, अकादमिक किताबें, साथ ही पत्रिकाएं और समाचार पत्र शामिल हैं. शुरुआत में किताबों की खरीद में चुनौतियों का सामना करने वाले मुबशिर को अब कश्मीर भर के लोगों से कॉल आती हैं जो ‘लेट्स टॉक लाइब्रेरी’ को किताबें दान करना चाहते हैं.