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Muzaffarnagar: “पापा जी की कांवड़” के साथ लगे महाकाल के जयकारे, अनोखी कांवड़ यात्रा पहुंचेगी दिल्ली के श्मशान घाट

पिता के लिए कांवड़ यात्रा निकालने वाले ये लोग दिल्ली के हैं. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगाजल लेकर श्मशान घाट जा रहे हैं.

अनोखी कांवड़ यात्रा

-वरुण शर्मा

Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में कांवड़ यात्रा जारी है. लोग हरिद्वार से गंगा जल लेकर भोले बाबा को अर्पित करने के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों पर जा रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे लोगों ने भी कांवड़ यात्रा निकाली है जो अपने दिवंगत पिता को तृप्त करने के लिए अनोखा कार्य कर रहे हैं. यह कांवड़ यात्रा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.

जानकारी सामने आ रही है कि हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा निकालने वाले इन लोगों ने अपनी यात्रा का नाम ही पिता की कांवड़ यात्रा रखी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हरिद्वार से कांवड़ यात्रा लेकर निकले लोगों का हुजूम नेशनल हाईवे पर देखने को मिल रहा है. शनिवार की सुबह भारी बरसात के बावजूद मुजफ्फरनगर जनपद के सभी कांवड़ मार्ग पर कांवड़ियों की भीड़ देखी गई. कांवड़ यात्री तरह-तरह की कांवड़ लेकर यहां दिखाई दिए. इसी बीच एक ऐसी यात्रा भी दिखी जो अपने पिता के लिए कांवड़ निकाल रही थी. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने जो कुछ बताया, वह बेहद हैरान करने वाला था.

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दिल्ली श्मशान घाट

पिता के लिए कांवड़ यात्रा निकालने वाले ये लोग दिल्ली के हैं. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगाजल लेकर श्मशान घाट जा रहे हैं. वहीं उनकी कांवड़ यात्रा में शिवलिंग से लेकर कंकाल तक को बिठाया गया है, क्योंकि यही भोले बाबा का श्रंगार है. ये लोग महादेव और महाकाल के जयकारे लगाते हुए अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं. इनकी इस अनोखी कांवड़ यात्रा में जहां इन्होंने अपनी कांवड़ पर ‘पापा जी की कांवड़’ लिखा है. वहीं महाकाल के शिवलिंग को भी अपनी कांवड़ में स्थान दिया है. इस यात्रा में मौजूद राम कुमार का कहना है कि वह दिल्ली के रहने वाले हैं. इनके पिताजी पिछले कई वर्षों से कांवड़ यात्रा कर रहे थे, जो हरिद्वार से गंगाजल उठाकर दिल्ली के श्मशान घाट में स्थित महाकाल मंदिर में जलाभिषेक करते थे. अब कुछ माह पहले पिताजी की मृत्यु के बाद उनके बच्चे अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए हरिद्वार से गंगाजल ला रहे हैं और मुजफ्फरनगर होते गए दिल्ली जाकर श्मशान घाट मंदिर पर जलाभिषेक करेंगे और इस तरह से वह अपने पिता की परम्परा को आगे बढ़ाने के साथ ही उनको श्रद्धांजलि भी देंगे.

-भारत एक्सप्रेस

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