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महाराष्ट्र: छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के मामले में सिंधुदुर्ग कलेक्टर को हटाया गया, पद भी घटाया

बीते 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने की घटना से जनता में भारी आक्रोश और राजनीतिक हंगामा मच गया था.

सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की खंडित ​मूर्ति. (फाइल फोटो)

Shivaji Statue Collapse: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के ढहने से राज्य में आक्रोश की लहर व्याप्त है. राजकोट किले में लगी मूर्ति गिरने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सिंधुदुर्ग कलेक्टर का तबादला कर दिया है और इस पोस्ट को घटाकर गैर-आईएएस जूनियर प्रशासनिक स्तर श्रेणी का कर दिया है.

सिंधुदुर्ग के कलेक्टर किशोर एस. तावड़े को एक सामान्य पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है. उनकी जगह हाफकिन बायो-फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ए. पाटिल ने ली है. तावड़े पुणे स्थित महाराष्ट्र राज्य कृषि निगम लिमिटेड के नए प्रबंध निदेशक होंगे और पाटिल सिंधुदुर्ग के नए कलेक्टर होंगे.

खराब मौसम के कारण गिरी मूर्ति

यह आदेश उस घटना के ठीक एक सप्ताह बाद आया है, जब राजकोट किले के 10 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति खराब मौसम के कारण गिर गई थी.

सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा सोमवार देर रात जारी ट्रांसफर आदेश के अनुसार, दोनों अधिकारियों तावड़े और पाटिल को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अपने नए कार्यभार संभालने का निर्देश दिया गया है.

संवैधानिक विशेषज्ञ बैरिस्टर विनोद तिवारी ने कहा, ‘सवाल यह है कि गोवा राज्य की सीमा से लगे एक प्रमुख तटीय जिले सिंधुदुर्ग के कलेक्टर जैसे प्रतिष्ठित पद को अचानक गैर-आईएएस जूनियर प्रशासनिक स्तर श्रेणी में डाउनग्रेड कर दिया गया.’

राजनीतिक हंगामा

तिवारी ने कहा कि सरकार के पास राज्य के सभी कलेक्ट्रेटों में से 10 प्रतिशत के लिए ऐसा करने का अधिकार है, लेकिन इस संवेदनशील मोड़ पर जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, सिंधुदुर्ग में कदम उठाने के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं है.

उल्लेखनीय है कि बीते 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने की घटना से जनता में भारी आक्रोश और राजनीतिक हंगामा मच गया था. इसका असर महायुति सरकार पर भी पड़ सकता है, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.

प्रधानमंंत्री मुख्यमंत्री ने माफी मांगी थी

कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा)-शिवसेना (यूबीटी) के विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने राज्य भर में आक्रामक विरोध-प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस त्रासदी के लिए माफी मांगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अगस्त को कई कार्यक्रमों के लिए महाराष्ट्र आए थे. उन्होंने पालघर में एक समारोह में हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांग कर सबको हैरान कर दिया था. 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शिवाजी की इस प्रतिमा का लोकार्पण किया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

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