सीएम एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे शिवाजी की प्रतिमा पर माला पहनाते हुए.
Maratha reservation movement ended: महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए प्रदर्शन कर रहे मनोज जरांगे की सभी मांगेें मान ली हैं. सीएम एकनाथ शिंदे स्वयं शनिवार को नवी मुंबई पहुंचे और मनोज जरांगे को जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया. अनशन तोड़ने से पहले जरांगे ने सीएम शिंदे के साथ शिवाजी महाराज की प्रतिमा को माला पहनाई.
जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि सीएम शिंदे ने अच्छा काम किया है. हमारी अपील मान ली गई. अब हमारा विरोध खत्म हो गया. इससे पहले मांगें मानने के लिए जरांगे ने शिंदे सरकार को आज सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था.
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde and Maratha quota activist Manoj Jarange Patil together garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Navi Mumbai
Patil is ending his fast today after the state government accepted the demands. pic.twitter.com/CxI3FPez0Z
— ANI (@ANI) January 27, 2024
इसके बाद हरकत में आई शिंदे सरकार ने मैराथन मीटिंग कर प्रदर्शनकारियों की मांगों का एक मसौदा अध्यादेश के रूप में प्रतिनिधिमंडल के साथ जरांगे के पास भेजा. जिसमें लिखा गया था कि सरकार आंदोलनकारियों की सभी मांगों को मानने के लिए तैयार है.
20 जनवरी को जालना से किया था कूच
बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे ने हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ 20 जनवरी को जालना से मुंबई की ओर कूच किया था. 26 जनवरी को जरांगे और उनके समर्थक नवी मुंबई के वाशी पहुंचे. जरांगे ने 27 जनवरी को मुंबई पहुंचकर आजाद मैदान में भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी.
अक्टूबर में 29 लोगों ने सुसाइड किया
इससे पहले 25 अक्टूबर 2023 को भी मनोज जरांगे ने जालना से भूख हड़ताल शुरू की थी. 9 दिनों तक चली भूख हड़ताल केे बाद आंदोलन से जुड़े 29 लोगों ने सुसाइड कर लिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने 4 मंत्रियों के प्रतिनिधि मंडल को मनोज जरांगे केे पास भेजा था और भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की थी.
#WATCH | Navi Mumbai: Amid a huge crowd of supporters, Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil ends his fast in the presence of Maharashtra CM Eknath Shinde, after the state government accepted all demands. pic.twitter.com/NBuMRawZDb
— ANI (@ANI) January 27, 2024
ये है मनोज जरांगे की प्रमुख मांगें
मराठाओं को OBC के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए.
मराठा समुदाय को फुलप्रूफ स्थायी आरक्षण मिले.
आरक्षण के दौरान दर्ज किए गए मामलों को रद्द करने के लिए तारीख तय हो. इस पर गृह विभाग ने भी सहमति जताई है.
मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने वाला सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए.