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Lucknow: “उनकी शिक्षाओं में रामराज्य और विश्व शांति की कामना का भाव अंतर्निहित है” पुण्यतिथि पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बोले सीएम योगी

Shaheed Diwas: इस दिन महात्मा गांधी के साथ ही उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

फोटो क्रेडिट @myogiadityanath

Mahatma Gandhi Death Anniversary: आज देश भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के हजरतगंज में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. तो इसी के साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “मानवता के अप्रतिम प्रतीक, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! पूज्य बापू के विचार ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प की सिद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं. उनकी शिक्षाओं में रामराज्य और विश्व शांति की कामना का भाव अंतर्निहित है.”

 

जानें क्यों महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को मनाते हैं शहीद दिवस के रूप में

बता दें कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में मोहन दास करमचंद गांधी, जिनको महात्मा गांधी के नाम से पूरा विश्व जानता है, का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने भारत की आजादी के साथ ही इस देश के विकास और समृद्धि के लिए अपने जीवन तक को देश पर न्यौछावर कर दिया. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी. उनके बलिदान को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी के दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि इस दिन महात्मा गांधी के साथ ही उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

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30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी करने जा रहे थे प्रार्थना सभा को सम्बोधित

30 जनवरी, 1948 को, महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा को संबोधित करने जा रहे थे. तभी इसी दौरान शाम के वक्त करीब 5:17 बजे, नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनके निधन की खबर पूरे देश में ऐसे फैली जैसे जंगल में आग और फिर पूरा देश दुखी हो गया था. अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के निधन के बाद हर साल उनकी पुण्यतिथि (30 जनवरी) को शहीद दिवस के रूप में हर साल मनाया जाने लगा. तो वहीं शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

इस तरह मनाया जाता है शहीद दिवस

इस दिन राष्ट्रपति के साथ ही उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. तो वहीं सेना के जवान भी राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार झुकाते हैं. इसके अलावा देश के सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है. स्कूल, कॉलेज और अन्य तमाम सरकारी संस्थानों में महात्मा गांधी से जुड़े कई कार्यक्रमों व भाषण का आयोजन किया जाता है.

-भारत एक्सप्रेस

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