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UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री का धुआंधार प्रचार, नहीं बदला ‘योगी स्टाइल’, 2024 के लिए तैयार कर रहे हैं सियासी पिच

यूपी में पीएम मोदी के लिए 2024 की राह आसान बनाने निकले सीएम योगी आम लोगों से जुड़ा कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे हैं.

UP Nikay Chunav 2023

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ

UP Nikay Chunav 2023: यूपी में 4 मई और 11 मई को होने वाले निकाय के लिए सूबे मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ कैंपेन मोड में हैं. शहर-शहर हर चुनावी रैली में कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर विरोधियों पर बयानों का बुल्डोजर चला रहे हैं.

निकाय चुनाव में वोट मांगने के लिए सीएम योगी मंगलवार को लखनऊ से निकले तो रायबरेली पहुंचे और फिर वहां से उन्नाव चले गए. शहर भले ही बदला, लेकिन विरोधियों पर प्रहार का ‘योगी स्टाइल’ नहीं बदला. मुख्यमंत्री के इस स्टाइल ने ये साफ कर दिया कि वोट भले ही लोकल चुनाव के लिए मांग रहे हैं, लेकिन साथ में नेशनल इलेक्शन यानी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी पिच तैयार करते जा रहे हैं.

एक पुरानी कहावत है कि दिल्ली का लखनऊ से निकलता है. दरअसल इस कहावत के पीछे ठोस वजह भी है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. 15 में से 9 प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही संसद पहुंचे. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. जो चाहते तो गुजरात से भी लोकसभा चुनाव जीत सकते थे, लेकिन पीएम मोदी जानते हैं कि जितना सांकेतिक महत्व देश की सियासत में उत्तर प्रदेश का है उतना शायद ही किसी और राज्य का होगा. यूपी हिंदी हॉट लाइन का सेंटर माना जाता है. और इसलिए यहां के चुनाव नतीजे आस-पास के राज्यों पर भी बड़ा असर डालते हैं.

यूपी में पीएम मोदी के लिए 2024 की राह आसान बनाने निकले सीएम योगी आम लोगों से जुड़ा कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे हैं. लेकिन खास बात ये है कि जिस यूपी में योगी अपराधियों का खौफ खत्म करने का दावा कर रहे हैं उसी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा रहे हैं.

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इधर, अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया तो उधर उनकी पार्टी के नेता ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चिठ्ठी लिखकर अखिलेश के लिए जेड प्लस सुरक्षा की मांग कर दी. सपा ने अखिलेश के लिए सिक्योरिटी की मांग उठाई तो बीजेपी ने जवाब भी दिया. लेकिन कानून-व्यवस्था का मुद्दा ऐसा है जिसे सीएम योगी छोड़ने वाले नहीं हैं. जाहिर है यूपी में लॉ एंड ऑर्डर का मसला 2024 तक सियासत के कई रंग दिखाने वाला है.

-भारत एक्सप्रेस



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