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अधीर रंजन चौधरी हुए लोकसभा से सस्पेंड, जानें कांग्रेस नेता के खिलाफ क्यों लिया गया एक्शन

Adhir Ranjan Chowdhary Suspended: अधीर रंजन चौधरी का यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती.

adhir ranjan chowdhury

कांग्रेस नेता अधीर रंजन (फोटो फाइल)

Adhir Ranjan Chowdhary Suspended: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. उनका यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी हर बार देश और सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं. हमने उसी दौरान माफी की मांग की थी, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी. उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया जिसे स्वीकृत किया गया.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक प्रस्ताव पेश किया कि “इस सदन ने सदन और अध्यक्ष के अधिकार की घोर उपेक्षा करते हुए अधीर रंजन चौधरी के घोर, जानबूझकर और बार-बार किए गए कदाचार को गंभीरता से लिया है और निर्णय लिया है कि उनके कदाचार के मामले को सदन में भेजा जाए. सदन की विशेषाधिकार समिति को आगे की जांच करने और सदन को रिपोर्ट देने के लिए और अधीर रंजन चौधरी को सदन की सेवा से तब तक निलंबित किया जाना चाहिए जब तक समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर देती.” जिसके बाद सदन ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.

पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी

अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी को लेकर अपने विवादित बयान में कहा था कि जब धृतराष्ट्र अंधे थे, तब द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ था, आज भी राजा अंधे बैठे हैं. मणिपुर और हस्तिनापुर में कोई फर्क नहीं है. पीएम नीरव मोदी बनकर चुपचाप चुप्पी साधे बैठे हैं. किसी को आहत करने के लिए कुछ नहीं कहा, मणिपुर पर पीएम की चुप्पी बिल्कुल पसंद नहीं है. बीजेपी ने मणिपुर के एमपी को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया. मामले में लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी का बर्ताव सदन के अनुरूप नहीं था.

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पीएम मोदी पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है. हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था. हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें. हम किसी भाजपा सदस्य को संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने प्रधानमंत्री के आने की मांग कर रहे थे.



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