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“कांग्रेस का लक्ष्य हमारी पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ना और हमारे समाज को कमजोर करना है”- विरासत कर पर बोले BJP विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह

राजेश्वर सिंह ने कहा “भारत में, परिवार और रिश्तेदारी के बंधन बहुत मजबूत हैं, जो हमारे देश, संस्कृति और धर्म की नींव बनाते हैं.”

लखनऊ के सरोजनी नगर से विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह

लोकसभा चुनाव-2024 के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत कर (Inheritance Tax) की पैरवी करते हुए अमेरिका के एक कानून की प्रशंसा की है. अपने एक इंटरव्यू के दौरान सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत कर एक दिलचस्प कानून है और यह ऐसे मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर लोग बहस और चर्चा कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में विरासत कर है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है, तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है और 55% सरकार को जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है.’

वहीं अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भी इसे लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर साझा किया है. जिसमें उन्होंने कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए उत्तराधिकार कर के प्रस्ताव की निंदा की है.

कांग्रेस विदेशी ताकतों के प्रभाव में

अपनी पोस्ट में विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा है कि “भारत में, परिवार और रिश्तेदारी के बंधन बहुत मजबूत हैं, जो हमारे देश, संस्कृति और धर्म की नींव बनाते हैं. लोग न केवल अपने लिए बल्कि अपने बच्चों और परिवार के लिए भी कमाने का प्रयास करते हैं. हालांकि, बच्चों और परिवारों की मेहनत की कमाई को छीनने की कांग्रेस की मानसिकता नृशंस है! ऐसा लगता है कि वे विदेशी ताकतों के प्रभाव में हैं और उनका लक्ष्य हमारी पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ना और हमारे समाज को कमजोर करना है. कमजोर परिवार और रिश्तेदारी व्यवस्था के कारण विदेशों में आत्महत्या और अवसाद की दर सबसे अधिक है.”

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डॉ. राजेश्वर सिंह ने आंकड़ों के जरिए बताया उत्तराधिकार कर के नुकसान

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपनी पोस्ट में आंकड़ों के जरिए इस बात को बखूबी समझाते हुए आगे कहा कि “आंकड़ों पर विचार करें: अमेरिका में तलाक की दर प्रति 1,000 विवाहित महिलाओं पर 14.56 है, जो तलाक की सबसे अधिक संभावना वाले 100 देशों में से 19वें स्थान पर है, जबकि भारत में, 2022 में यह प्रति 1,000 लोगों पर केवल 0.01 (लगभग 1%) है, जो दुनिया में सबसे कम में से एक है. इसी तरह, शराब की लत से अमेरिका की कुल आबादी का 13.9% भाग प्रभावित है, जबकि भारत में यह 4.9% है. संयुक्त राज्य अमेरिका में 10 में से 1 से अधिक लोगों में अवसाद व्याप्त है, जबकि भारत में यह आधे से भी कम है! आत्महत्या के संबंध में, अमेरिका में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 14.51 की दर (31वीं रैंक) है, जो भारत की तुलना में बहुत अधिक है! उत्तराधिकार कर का प्रस्ताव न केवल शर्मनाक है बल्कि हानिकारक भी है!”

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