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दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के आगामी चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने के मांग के प्रारूप पर विचार करने को कहा है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति से फैसले लेने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आशु बिधूड़ी ने कहा था कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में धन और जन बल का काफी प्रयोग होता है. जिसके चलते महिलाएं चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाती है.
कोर्ट शबाना हुसैन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. शबाना हुसैन ने अपनी याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का दिश निर्देश जारी करने की मांग की है. शबाना हुसैन ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि छात्र चुनावों में लैंगिक समानता की आवश्यकता है और उन्होंने विश्विद्यालय को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुपालन करने का निर्देश देने की भी मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद केंद्रीय संसाधन विकास मंत्रालय ने पूरे देश में विश्विद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र निकायों और छात्र संघ चुनावों से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. बस समिति ने 26 मई 2006 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. याचिकाकर्ता शबाना हुसैन के मुताबिक अभी तक समिति की सिफारिशों को लागू नही किया गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होने वाला है.
-भारत एक्सप्रेस
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