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सनातन धर्म की बेटियों पर जो आंख उठाएगा उसका काट देंगे हाथ- केंद्रीय अंत्री अश्विनी चौबे का विवादित बयान

Buxar: केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का यह भी कहना था कि सनातन धर्मावलंबी किसी भी धर्म का अनादर नहीं करता है. वह सभी धर्मों का आदर करता है.

Central Minister Ashwani kumar choube

केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे

प्रशांत राय

Buxar: एक दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुचे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सनातन धर्म की बेटियों पर जो आंख उठाएगा उसका हाथ काट देंगे. वहीं बिहार की सत्ता में भागीदार राष्ट्रिय जनता दल को लेकर उनका कहना था कि राजद के लोग दिवालियापन के शिकार हैं. किसी की भी बेटी देश की बेटी है. अगर राजद के लोगों को लगता है कि वह अपने बेटियों को दूसरे को सौंप सकते है तो वे सौंप सकते है. अश्विनी कुमार चौबे ने बक्सर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये सारी बातें कही.

बेटियो की इज्जत से खिलवाड़ करने वाले का काट देंगे हाथ

उनका कहना था कि सनातन धर्मावलंबी किसी भी धर्म का अनादर नहीं करता है. वह सभी धर्मों का आदर करता है. हमने सर्वधर्म सद्भाव के आधार पर, सर्वे भवन्तु सुखिनः के आधार पर सभी धर्मों का सम्मान किया है. कोई अगर हमारे धर्म पर धर्मांतरण का दबाव डालता है, कोई हमारे बेटियो की इज्जत से खिलवाड़ करेगा तो उसके हाथ काट देंगे.

जीतन राम मांझी के बयान पर कहा उनके तो नाम में भी राम 

वहीं जब पत्रकारों ने जीतन राम मांझी के बयान पर उनकी राय जाननी चाही तो अश्विनी कुमार चौबे ने सवाल पूछने के लहजे में जवाब देते हुए कहा कि, “उनका नाम क्या है? मालूम है न, माता-पिता ने बड़ा पुण्य किया होगा, उनका नाम क्या रखा है? मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम पर उनके भी नाम में राम जुड़ा हुआ है. अब वे रावण को पूजे तो हमे क्या आपत्ति है.”

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क्या कहा था जीतन राम मांझी ने

जीतन राम मांझी ने अपने हालिया बयान में कहा है कि रावण का चरित्र श्रीराम से बड़ा है. यहां तक कि उन्होंने रावण को भगवान श्रीराम से अधिक महान कह डाला. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने श्रीराम को भगवान मानने से इंकार कर दिया और उन्हें महज एक काल्पनिक पात्र बताया. इसके अलावा उन्होंने रावण को भी रामायण का एक काल्पनिक पात्र बता डाला. रामायण को कल्पना के आधार पर लिखी गई किताब बताते हुए मांझी ने कहा कि रावण के साथ न्याय नहीं किया गया. इसे लेकर उनका कहना था कि रावण को रामायण में नीचा दिखाया गया है, जबकि श्रीराम को उसके ऊपर रखा गया.

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