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UP News: स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर घमासान तेज, भूपेंद्र चौधरी ने किया पलटवार, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा ऑल इंडिया बुद्धिस्ट संघ

स्वामी प्रसाद मौर्या के मंदिरों पर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी और बीएसपी ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर घमासान

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या के मंदिरों पर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी और बीएसपी ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं अब ऑल इंडिया बुद्धिस्ट संघ ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान का समर्थन किया है. इसके साथ ही संघ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गया है. स्वामी प्रसाद मौर्या के बौद्ध मठों को तोड़कर मंदिर बनाए जाने के बयान पर एएमयू और बीएचयू के इतिहासकारों ने भी आपत्ति जताई है.

भूपेंद्र चौधरी ने किया पलटवार

स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि क्या सपा मौर्या के बयान से सहमत है. उन्होंने ने ये भी कहा कि समाजवादी पार्टी और उनके नेता सनातन धर्म का बार-बार अपमान करते हैं. जिससे उनकी घृणित मानसिकता उजागर होती है. चौधरी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या की केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम और जगन्नाथ पुरी धाम के बारे में कही कही बात निंदनीय है. इससे उनकी ओछी मानसिकता के साथ ही घटिया राजनीति को दर्शाता है.

मायावती ने बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया

इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर जोरदार पलटवार किया था. मायावती ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि ” समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान.”

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दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा है कि ” जबकि मौर्या लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं.”

इतिहासकारों और संतों ने जताई आपत्ति

वहीं इस बीएचयू और एएमयू के इतिहासकारों ने मौर्या के बयान को सिरे से खारिज कर दिया है. इसके अलावा संतों ने भी भी कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्या न तो इतिहासकार है और ना ही इतिहास के बारे में उन्हें कोई जानकारी है. उनको पता होना चाहिए कि सतयुग से ही बद्रीनाथ में भगवान हैं.

मौर्या ने दिया था बयान

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने ज्ञानवापी में एएसआई की तरफ से कराए जा रहे सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था कि बौद्ध मठों को तोड़कर सिर्फ बद्रीनाथ ही नहीं, बल्कि जगन्नाथ और रामेश्वरम मंदिर को बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर हर मस्जिद में मंदिर खोजने की परंपरा जारी रही तो ये बीजेपी पर भारी पड़ेगा. ऐसा करने पर लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ खोजेंगे.

-भारत एक्सप्रेस

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