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पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा फैसला, ट्रेनी IAS के वकील ने दी ये दलीलें

पूजा ने कहा कि UPSC द्वारा मुझे दोषी ठहराए जाने के बाद ही मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, उसके लिए एक प्रक्रिया है, मुझे 18 जुलाई को UPSC का कारण बताओ नोटिस दिया गया.

IAS Pooja Khedkar

पूजा खेडकर.

Trainee IAS Pooja khedkar: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 1 अगस्त को 4 बजे फैसला सुनायेगा. मामले की सुनवाई के दौरान पूजा के वकील ने कहा-यह अंतरिम राहत के लिए अर्जी है. मेरे खिलाफ कथित अपराध आईटी अधिनियम, आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के साथ धारा 420, 464, 465 के तहत FIR दर्ज की गई है. ASJ देवेंद्र कुमार जंगाला की कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है.

मैंने धोखाधड़ी नहीं की है- पूजा

पूजा के वकील ने कहा कि मामले की शिकायत यूपीएससी द्वारा जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए की गई है. पूजा के वकील ने कहा कि पूजा अब प्रोबेशनरी अधिकारी नियमों के अंतर्गत आती हैं और इसके तहत उसके पास कुछ अधिकार हैं. पूजा के वकील ने कहा कि मैं विकलांगता प्रमाणपत्र रिकॉर्ड में रखना चाहूंगा. पूजा ने कहा कि यह एक नहीं बल्कि आठ डॉक्टरों ने किया है. यह टिप्पणी बहु-विकलांगता का कुल प्रतिशत है. यह एम्स के बोर्ड द्वारा है, मूल प्रति यूपीएससी के पास है. धोखाधड़ी कहां हुई है? मेरे खिलाफ लगाए गए प्रावधान लागू नहीं होते. पूजा के वकील की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में दलील दी गई कि मेडिकल बोर्ड ने कहा है कि वह बहु-विकलांगता वाली उम्मीदवार है और उसके पास स्थायी बेंचमार्क विकलांगता है, मेरे पूरे शरीर के संबंध में 47 प्रतिशत है.

अटेम्प्ट की जानकारी UPSC को नहीं दी

पूजा ने UPSC के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जहां तक ओबीसी और पीडब्ल्यूडी का सवाल है, उनका आरोप है कि मैंने अपने प्रयासों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी है, मुझे उन्हें 5 के स्थान पर 12 बताना चाहिए था. इसकी जांच करना यूपीएससी के अधिकार क्षेत्र में है. पूजा ने फिर नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मेरे खिलाफ इस्तेमाल किया गया शब्द “दोषी” है, अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है, सिर्फ नोटिस आया है, मुझ पर जो लागू होता है वह है “गलत जानकारी देना और जानकारी को दबाने का. पूजा ने कहा कि UPSC द्वारा मुझे दोषी ठहराए जाने के बाद ही मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, उसके लिए एक प्रक्रिया है, मुझे 18 जुलाई को UPSC का कारण बताओ नोटिस दिया गया.

पूजा के वकील माधवन ने कहा कि एक फैसले में कहा गया है कि विकलांग व्यक्ति पिछड़े वर्गों के लोगों के समान हैं इसलिए वह पिछड़े वर्ग के समान लाभ के हकदार हैं. माधवन ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब मे कहा है कि वो कस्टडी मे पूछताछ करना चाहती है, मुझे अपने बचाव का मौका मिलना चाहिए क्योंकि अलग अलग अथॉरिटी की तरफ से मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया है. पूजा के वकील ने कोर्ट को बताया कि IAS अकादमी मसूरी, पुणे कमिश्नर और DOPT ने भी मुझे नोटिस भेजा है. इसलिए हमने अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है.

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माधवन ने कहा कि पूजा के खिलाफ़ एकमात्र आरोप यह है कि उसने अटेम्प्ट के बारे में जानकारी छिपाई है, उसने 5 अटेम्प्ट की बात कही है जबकि उसे 12 अटेम्प्ट बताना चाहिए था. वो इसलिए कि वह एक अलग कोटे के तहत आती है. इसके पीछे उसकी भावना सही है या नहीं, इसकी जांच की जानी चाहिए. ट्रेनी IAS पूजा मामले में कोर्ट का UPSC से पूछा-UPSC क्या कर रहा था?, यह असंभव है. हर कोई जानता है कि प्रीलिम्स में शामिल हुए बिना कोई व्यक्ति मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने UPSC की शिकायत पर FIR दर्ज की थी. पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी और विकलांगता अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

-भारत एक्सप्रेस



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