प्रतीकात्मक तस्वीर
Covid India: कोरोना की अब तक तीन लहर आ चुकी है. जिसके कारण आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था. ऐसे में चीन और दुनिया में एक बार फिर कोरोना अपने नए वेरिएंट के साथ पैर पसार रहा है. भारत में भी पिछले एक हफ्ते में कोरोना के मामलों में 14 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है.
इसे देखते हुए एक बार फिर तीन लहर के बाद कोरोना की चौथी लहर की शुरुआत को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो 13 से 19 दिसंबर के बीच पूरे देश में कोरोना के 1,104 मामले सामने आए थे. वहीं इसके अगले ही हफ्ते यानी 20 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच यह बढ़ते हुए 1,260 मामलों तक जा पहुंचा हैं.
पिछले दो हफ्तों में हो चुकी हैं इतनी मौतें
आंकड़ों के मुताबिक बीते 13 से 19 दिसंबर के बीच कोरोना से मरने वालों की संख्या 15 थी. वहीं इसके अगले हफ्ते 20 से 26 दिसंबर के बीच यह बढ़ते हुए 19 तक जा पहुंची है. लेकिन मरने वालों के इन आंकड़ों में केरल में हुई कुछ पुरानी मौतों को भी शामिल किया गया है.
केरल में 22 दिसंबर को 9 मौतें हुई थीं, जिनमें 6 मौतें इस तारीख से पहले हो चुकी थीं. देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में इधर मामूली बढ़त देखने को मिली है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 दिसंबर तक कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 3,380 थी. 26 दिसंबर तक इनमें मामूली बढ़ोतरी होते हुए यह 3,421 पर पहुंची है.
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क्या आ सकती है चौथी लहर?
कोरोना से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल चौथी लहर की कोई आशंका नहीं है. इसका एक कारण यह भी है कि भारत में कोरोना का टीकाकरण तेजी से हुआ है. इसके अलावा यहां के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्युनिटी का विकास हो चुका है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने अपने हाल के ही एक साक्षात्कार में यह कहा था कि अगर कोरोना के मामले बढ़ते भी हैं तो ये माइल्ड ही होंगे. इसकी वजह से लोगों को शायद ही अस्पताल में भर्ती होना पड़े. ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BF.7 पर बात करते हुए डॉ. गुलेरिया ने बताया था कि इसकी वजह से न तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी और न ही मौतों की संख्या बढ़ेगी.
वे बताते हैं कि अब हमारी इम्युनिटी बहुत अधिक हो गई है. BF.7 को लेकर किसी तरह के खतरे पर उनका कहना है कि यह भारत में जुलाई में आ गया था, लेकिन इससे किसी तरह का कोई खास नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि डॉ. गुलेरिया मानते हैं कि यह वेरिएंट अभी लंबे समय तक भी रह सकता है, बावजूद इसके कोरोना की कोई नई लहर आने की उम्मीद नहीं है.
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