Bharat Express

Delhi MCD Results: एमसीडी के 17 फीसदी पार्षदों के खिलाफ क्रिमिनल केस, AAP के 27 तो BJP के 12 दागी, 2 नहीं गए स्कूल

Delhi MCD Councillor: दिल्ली MCD चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के पार्षदों के जीतने के बाद ADR ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें MCD के 17 फीसदी पार्षदों के अपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलाव 8 फीसदी पार्षदों पर संगीन धराओं में मामले दर्ज हैं

Delhi MCD

दिल्ली MCD चुनाव (फोटो - सोशल मीडिया)

Delhi MCD Councillor: दिल्ली में एमसीडी (MCD) चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं और इसमें आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी ने 134 सीट हासिल की है तो वहीं बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गई हैं. तो इसके अलावा निर्दलीय के खात में 3 सीट गई है.

इन राजनीतिक पार्टियों के पार्षदों के जीतने के बाद ADR ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें MCD के 17 फीसदी पार्षदों के अपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा 8 फीसदी पार्षदों पर संगीन धराओं में मामले दर्ज हैं.

ADR की रिपोर्ट में कितनों पार्षदों पर अपराधिक मामले

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी (ADR) और दिल्ली इलेक्शन वॉच ने 248 पार्षदों के हर अपराधों की जांच कर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके बाद पता चलता है कि आम आदमी पार्टी के 134 में से 132 पार्षद तक जानकारी मिली है. जिसमें आप के 132 में से 27 यानी कि 21 फीसदी पार्षदों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं अगर बीजेपी की बात की जाए तो बीजेपी के 104 पार्षदों में से 12 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 निर्दलीय में से दो ने और कांग्रेस के 9 में से एक ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने की जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, जानकारी मिली है कि आप के 12, बीजेपी के छह और एक निर्दलीय पार्षद ने अपने खिलाफ संगीन मामले दर्ज होने की घोषणा अपने-अपने हलफनामों में की है.

ये भी पढ़ें-  Himachal Election Result: हिमाचल चुनाव में अपना घर नहीं बचा पाए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पांचों सीटों पर बीजेपी की हार

क्या है शैक्षिक योग्यता का रिकॉर्ड ?

दिल्ली नगर निगम 250 पार्षदों ने अपनी शैक्षिक योग्यता बताई. जिसमें करीब आधों ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवी से बारहवीं (12) के बीच बताई है. वहीं 66 फीसदी पार्षद की उम्र 41 से 70 के बीच है. जबकि दो पार्षद निरक्षर हैं.

2017 में क्या था हाल

ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि  2017 में कुल 10 फीसदी पार्षदों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज थे. पहले तत्कालीन उत्तर, पूर्वी और दक्षिणी नगर निगमों के 266 पार्षद थे. तब 270 वार्ड हुआ करते थे. लेकिन आंकड़े 266 के ही उपलब्ध थे. इस साल तीनों निगमों को मिलाकर एक कर दिया गया है.

– भारत एक्सप्रेस

Also Read