Bharat Express

Gyanvapi Case: काशी ज्ञानवापी मामले में ASI सर्वे की रिपोर्ट सार्वजानिक करने पर आज आएगा फैसला, मुस्लिम पक्ष ने की है ये मांग

Varanasi: इससे पहले कोर्ट में जिला जज ने इस मुद्दे पर सुनवाई की है कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये या नहीं. तो वहीं अब दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया जाएगा.

ज्ञानवापी सर्वे (फोटो-सोशल मीडिया)

Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी ( Varanasi) में ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामले में ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर फैसला आज आएगा. कल समय न होने के कारण वाराणसी की जिला अदालत में फैसला टल गया था. बता दें कि इससे पहले कोर्ट में जिला जज ने इस मुद्दे पर सुनवाई की है कि रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाये या नहीं. तो वहीं अब दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया जाएगा.

मालूम हो कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले ASI ने बुधवार को एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर अगले 4 हफ्ते तक सीलबंद सर्वे रिपोर्ट को ना खोलने और पक्षकारों को ना देने की मांग की थी. इस सम्बंध में ASI ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया था. मालूम हो कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी से जुड़े 1991 के मूल मुकदमे को फिर से चलाने का आदेश दिया था. तो वहीं एएसआई ने ज्ञानवापी केस में दिए प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि “चूंकि 18 दिसंबर को एएसआई ने रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया था और 19 दिसंबर को ज्ञानवापी प्रकरण के 1991 के केस में हाईकोर्ट का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है. वह भी कार्रवाई पूर्ण हो जाय. अतः चार सप्ताह का अदालत और समय दे.” तो वहीं सुनवाई को लेकर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिसंबर महीने में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा 92 दिनों तक हुए सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में वाराणसी जिला न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था. इसको लेकर हिंदू पक्ष ने आपत्ति जताई थी. सर्वे रिपोर्ट को इस तरह बंद लिफाफे में पेश करना न्यायिक मूल्यों के खिलाफ हैं.

ये भी पढ़ें- सोमालिया में हाईजैक हुए जहाज को कराया गया मुक्त, मार्कोस कमांडोज के ऑपरेशन का वीडियो आया सामने, हेडक्वॉर्टर से रखी जा रही थी नजर

इंतजामिया कमेटी ने की हौज की सफाई की मांग

बता दें कि हाल ही में ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से इंतजामिया कमेटी ने जिला कोर्ट में प्रार्थन पत्र देकर मछलियों की सुरक्षा के लिए हौज की सफाई की मांग की थी और कहा था कि करीब डेढ़ साल से वजू खाने में साफ सफाई नहीं हुई है, जिसकी वजह से पानी की अधिकांश मछलियां मर चुकी हैं. इसी के साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से ये भी कहा गया था कि, सीआरपीएफ जवान, दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और नमाजियों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वजूखाने की जल्द से जल्द अच्छी तरह साफ करना जरूरी हो गया है. बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का ASI सर्वे पूर्ण कर लिया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read