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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया DRDO मुख्यालय का दौरा, 67वें स्थापना दिवस पर वैज्ञानिकों से की बातचीत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO के 67वें स्थापना दिवस पर संगठन की उपलब्धियों की सराहना की और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने में इसके योगदान को रेखांकित किया.

Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो फाइल).

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) के मुख्यालय का दौरा किया और संगठन के 67वें स्थापना दिवस के अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों से मुलाकात की. इस कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी उपस्थित रहे.

अपने संबोधन में, राजनाथ सिंह ने DRDO की उपलब्धियों की सराहना की और देश को स्वदेशी क्षमताओं से सुसज्जित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, “DRDO ने अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों के विकास के माध्यम से सशस्त्र बलों को सशक्त किया है. साथ ही, निजी क्षेत्र के साथ सहयोग कर रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया है”

रक्षा मंत्री ने DRDO के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उनके नवाचार और समर्पण के लिए बधाई दी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि DRDO का योगदान केवल देश की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती प्रदान करता है.

67 वर्षों की सफलता का जश्न

DRDO, जिसकी स्थापना 1958 में हुई थी, ने पिछले 67 वर्षों में रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं. इस अवसर पर DRDO के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने हालिया प्रोजेक्ट्स और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी.

कार्यक्रम में DRDO और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी के महत्व पर भी चर्चा की गई. रक्षा मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि सरकारी और निजी क्षेत्र के सहयोग से विकसित की गई तकनीकें न केवल सुरक्षा को बेहतर बनाएंगी, बल्कि वैश्विक बाजार में भी भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएंगी.

भविष्य की योजनाएं

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि DRDO आने वाले वर्षों में और भी अधिक नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को रक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया और इस क्षेत्र में हो रहे प्रगति को देश की सामरिक ताकत का प्रतीक बताया. यह कार्यक्रम DRDO की निरंतर प्रगति और देश की सुरक्षा में इसकी भूमिका को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ.

संपादकीय टिप्पणी

DRDO का यह स्थापना दिवस न केवल संगठन की उपलब्धियों का जश्न है, बल्कि देश के स्वदेशी रक्षा उद्योग को वैश्विक मंच पर मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है. रक्षा मंत्री का यह दौरा DRDO की कार्यक्षमता और भविष्य की योजनाओं पर विश्वास का प्रतीक है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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