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अध्यादेश के खिलाफ रामलीला मैदान में हुंकार भरेंगे अरविंद केजरीवाल, कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनता से करेंगे संवाद

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद सरकार के बीच उपजे सर्विस विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब केजरीवाल की आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश के विरोध में महारैली करने वाली है.

अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद सरकार के बीच उपजे सर्विस विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब केजरीवाल की आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश के विरोध में महारैली करने वाली है. जिसको लेकर केजरीवाल लगातार पूरे देश में घूम-घूमकर विपक्षी दलों का समर्थन जुटा रहे हैं. आम आदमी पार्टी 11 जून को रामलीला मैदान में अध्यादेश के खिलाफ महारैली करेगी. इस महारैली से जहां एक तरफ आप अध्यादेश के खिलाफ बीजेपी को घेरेगी वहीं दूसरी तरफ आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल 2024 के चुनाव में अपनी दावेदारी का शंखनाथ भी करेंगे.

11 जून को रामलीला मैदान में होगी महारैली

रामलीला मैदान में होने वाली रैली को लेकर आप के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश संगठन की बैठक की. जिसमें महारैली को लेकर रणनीति तय की गई. दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस रैली के जरिए आम आदमी पार्टी बीजेपी को कई मोर्चों पर घेरने वाली है. महारैली को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. कार्यकर्ताओं को जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि 5 जून से कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को रैली में शामिल होने की अपील करें. इसके अलावा केंद्र के अध्यादेश को लेकर सीधे दिल्ली की जनता से संवाद भी करेंगे.

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अध्यादेश को रोककर जीतेंगे 2024 का सेमीफाइनल !

गौरतलब है कि लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, जिससे वो अध्यादेश को बहुमत से पास कराने के बाद कानून बना सकती है. इस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए राज्यसभा में समर्थक प्राप्त करने को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पूरे देश में विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. जिसमें उन्होंने अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, सीताराम येचुरी जैसे नेता शामिल हैं. केजरीवाल ने कहा है कि अगर वो बीजेपी के इस अध्यादेश को रोकने में सफल होते हैं तो उनके लिए ये 2024 का सेमीफाइनल जीतने के बराबर होगा. साथ ही बीजेपी के विजयी रथ को 2024 में रोकने में कामयाब होंगे. विपक्ष के तमाम नेताओं का समर्थन मिलने के बाद भी अभी तक केजरीवाल को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला है. साथ ही मिलने की उम्मीद भी कम ही नजर आ रही है.

-भारत एक्सप्रेस

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