बिहार में राजद के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव
लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, किरण देवी सहित अन्य की मुश्किलें बढ़ गई है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, किरण देवी और अन्य को समन जारी कर 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत है. इस मामले में बड़ी तादात में जमीन का ट्रांसफर हुआ. कोर्ट ने कहा कि एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया और यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर हुआ. कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल थे और तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत है.
कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर किया. जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई. इस मामले में किरण देवी के पति भी शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि ए के इंफोसिस्टम द्वारा बिहार मे राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादात में ज़मीन ट्रांसफर किया गया. तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य है और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
ईडी ने 6 अगस्त को 11 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था. जिसपर संज्ञान लेने को लेकर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 17 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन इनमें से 3 लोगों की मौत हो चुकी है. ईडी द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है. ईडी का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लोगों से जमीन ली थी. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी जांच कर रही है. ईडी ने 100 पेज का सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है. चार्जशीट के साथ 96 दस्तावेज भी दिए गए हैं. इसमें ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी और संजय राय का भी नाम शामिल है.
– भारत एक्सप्रेस