दक्षिण पूर्व दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में एक निजी नर्सिंग होम में गुरुवार (3 अक्टूबर) को एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान डॉ. जावेद अख्तर (55 वर्ष) के रूप में हुई है. वह नीमा अस्पताल में यूनानी डॉक्टर थे. पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद जिला अपराध टीम और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) रोहिणी टीम घटनास्थल पर पहुंची.
दो नाबालिग आए थे अस्पताल
अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि दो नाबालिग उनके चिकित्सा केंद्र में आए और रात एक बजे ड्रेसिंग बदलने की मांग की. इन दोनों में से एक का एक दिन पहले पैर की चोट का इलाज हुआ था.
कर्मचारियों ने बताया कि बाद में नाबालिगों ने कहा कि उन्हें दवा की पर्ची चाहिए और वे डॉ. जावेद अख्तर के केबिन में गए, जिसके बाद गोली चलने की आवाज आई. जब कर्मचारी डॉक्टर के केबिन में पहुंचे तो उन्हें मृत पाया. नीमा अस्पताल के कंपाउंडर आबिद ने बताया कि डॉ. अख्तर के सिर में गोली लगी थी.
Delhi Police say, “During inquiry it was revealed that two boys, both about 16-17 years of age, came to the Nursing Home at the hospital. One of them asked to change the dressing of his injured toe. Dressing of this boy was also done the previous night in the same hospital.… https://t.co/9cojJBR7EC
— ANI (@ANI) October 3, 2024
संदिग्धों की पहचान की जा रही है
पुलिस ने कहा कि यह टारगेट किलिंग का मामला हो सकता है. संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) राजेश देव ने कहा, ‘दोनों लड़के पिछली रात भी अस्पताल आए थे, ड्रेसिंग करवाई और चले गए. प्रथमदृष्टया यह टारगेट किलिंग का मामला लगता है, क्योंकि यह बिना उकसावे के किया गया है और हमलावरों ने पिछली रात रेकी की थी.’
आम आदमी पार्टी ने बोला हमला
इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दिल्ली अपराध की राजधानी बन गई है. गैंगस्टर आसानी से काम कर रहे हैं. जबरन वसूली, गोलीबारी और रोजाना हत्याएं हो रही हैं. केंद्र सरकार और उपराज्यपाल दिल्ली के लिए अपने बुनियादी काम में विफल रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘दिल्ली में हर दिन गोलियां चल रही हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल पूरी तरह से चुप हैं, न तो उन्होंने विधायकों से मिलने का समय दिया और न ही किसी पुलिस स्टेशन का दौरा किया. दिल्ली पुलिस केंद्र को रिपोर्ट करती है, दिल्ली सरकार को नहीं.’
-भारत एक्सप्रेस
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