उपराज्यपाल वीके सक्सेना. (फाइल फोटो)
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए सरकारी सेवाओं में नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में पूर्ण छूट देने की मंजूरी दी है. यह छूट 88 आवेदकों के लिए दी गई है, जो अब दिल्ली सरकार में मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) के पदों पर नियुक्ति के पात्र होंगे.
पीड़ितों की राहत के लिए LG का बड़ा कदम
यह निर्णय पीड़ितों के लिए लंबे समय से चल रही मांगों और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC), जन प्रतिनिधियों और पीड़ित समूहों के लगातार किए गए अनुरोधों के बाद लिया गया है. हाल ही में LG से इन प्रतिनिधियों ने मुलाकात की थी और अपनी परेशानियों को साझा किया था.
आयु और शैक्षणिक योग्यता में छूट
– आयु सीमा में छूट: 55 वर्ष तक के आवेदकों को आयु सीमा में राहत दी गई है.
– शैक्षणिक योग्यता में छूट: न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है.
इससे 1984 दंगों के पीड़ित परिवारों को रोजगार पाने का अवसर मिलेगा और उनकी आजीविका को सहारा मिलेगा.
समाज के प्रति न्याय का प्रयास
1984 के सिख विरोधी दंगे भारत के इतिहास में एक काला अध्याय हैं, जिनमें हजारों निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इन दंगों के पीड़ित परिवारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से भारी नुकसान झेलना पड़ा. इस फैसले को पीड़ितों के लिए न्याय और पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
जनप्रतिनिधियों और DSGMC ने जताया आभार
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी और अन्य प्रतिनिधियों ने LG वी.के. सक्सेना के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसे पीड़ित परिवारों के लिए नई उम्मीद और राहत का कदम बताया.
1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए यह कदम न केवल आर्थिक रूप से सहायक होगा, बल्कि उनके जीवन में एक नई शुरुआत का अवसर भी प्रदान करेगा. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल का यह फैसला पीड़ितों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करता है और उनके प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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