दिल्ली हाईकोर्ट.
दिल्ली हाइकोर्ट ने हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) प्रारंभिक परीक्षा, 2017 के पेपर लीक मामले का निष्कर्ष निकालने के लिए तीन महीने की मोहलत दी है.साथ ही मामले की प्रतिदिन सुनवाई का निर्देश दिया है.
इस साल जनवरी में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जिला और सत्र न्यायालय राउज़ एवेन्यू को दिन-प्रतिदिन सुनवाई करने और तीन महीने के भीतर यानी 15 अप्रैल 2024 तक मामले को समाप्त करने का निर्देश दिया था. हालांकि जिला न्यायालय द्वारा मामले का निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका.
राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कहा मामले का रिकॉर्ड बड़ा
राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को एक अनुरोध पत्र भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि इस मामले का रिकॉर्ड बड़ा है और मामले पर निर्णय लेने के लिए कम से कम छह महीने का समय मांगा गया था.
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की ओर से पेश वकील ने कहा
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की ओर से पेश वकील चरणजीत सिंह बख्शी और अमित साहनी ने कहा था कि 18 जनवरी 2024 के आदेश के तहत उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद, मामले को दिन-प्रतिदिन के आधार पर नहीं उठाया गया है.उन्होंने अदालत से ट्रायल कोर्ट को मामले में दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई का निर्देश देने का आग्रह किया.
उच्च न्यायालय ने ग्रीष्म अवकाश को छोड़कर तीन महीने का और समय दिया है.
न्यायिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने से जुड़ा गंभीर मामला है
उच्च न्यायालय ने कहा यह न्यायिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने से जुड़ा गंभीर मामला है. शीर्ष अदालत के आदेश के आधार पर मामला चंडीगढ़ से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था. ट्रायल कोर्ट से अपेक्षा की जाती है कि वह मामले में तेजी लाएगी और दिन-प्रतिदिन के आधार पर इस पर विचार करेगी.
मामले में एफआईआर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा एक उम्मीदवार सुमन द्वारा दायर 2017 में याचिका के आधार पर दर्ज की गई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा 5 फरवरी 2021 को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था. यह मामला हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) प्रारंभिक परीक्षा, 2017 के लीक होने से जुड़ा है.इस मामले में कुल 9 आरोपी हैं,जिनमें रजिस्ट्रार भर्ती भी शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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