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दिल्ली HC ने जामिया मिलिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन की नियुक्ति को किया रद्द

न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा कि प्रो-कुलपति और फिर कार्यवाहक कुलपति के पद पर प्रोफेसर हुसैन की नियुक्ति कानून के अनुरूप नहीं है।

Delhi High Court

दिल्ली हाई कोर्ट.

दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर इकबाल हुसैन की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा कि प्रो-कुलपति और फिर कार्यवाहक कुलपति के पद पर प्रोफेसर हुसैन की नियुक्ति कानून के अनुरूप नहीं है। न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रोफेसर हुसैन को कानून के अनुसार नियुक्त नहीं किया गया है, ऐसे में उन्हें कार्यवाहक कुलपति के रूप में उनके कुलपति पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने इसके साथ ही हुसैन की नियुक्ति को गलत ठहराया।

एक सप्ताह के भीतर कुलपति नियुक्त करे

न्यायमूर्ति ने इसके बाद विविद्यालय के विजिटर से कहा है कि वह जामिया मिलिया इस्लामिया अधिनियम के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर किसी योग्य व्यक्ति को स्थानापन्न व्यवस्था के तहत एक सप्ताह के भीतर कुलपति नियुक्त करे। इसके बाद नियमित कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया दो सप्ताह में शुरू कर दिया जाए और यह प्रक्रिया 30 दिनों में पूरा कर दिया जाए

इसको लेकर कदम नहीं उठाया गया है

न्यायमूर्ति ने यह निर्देश दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है जिसमें मांग की गई थी कि प्रोफेसर हुसैन की नियुक्ति को जामिया अधिनियम के तहत गैर कानूनी घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सबको पता था कि तत्कालिन कुलपति अपना कार्यकाल पूरा पद छोड़ने जा रही है। इसके बावजूूद नियमित कुलपति नियुक्ति को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। उसके बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इसके अलावा ऐसी स्थिति में विविद्यालय क़ानून 2 के खंड (6) के प्रावधानों के अनुसार वरिष्ठतम प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्त करने के लिए शक्तिहीन नहीं था। क्योंकि कुलपति का पद खाली नहीं रखा जा सकता है। इसके बावजूद इसको लेकर कदम नहीं उठाया गया है

-भारत एक्सप्रेस

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