दिल्ली हाईकोर्ट.
5 महीने के शिशु की कुत्ते के हमले से हुई मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट शिशु के माता-पिता को ढाई लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया है. जिसे एक कुत्ते ने नोच-नोच कर मार डाला था. न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों का आतंक मानव जीवन और गरिमा को प्रभावित करने वाला एक गंभीर मुद्दा है. अदालत ने सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए अनुग्रह राशि प्रदान की लेकिन कहा कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट नहीं होता कि बच्चे को काटने वाला कुत्ता आवारा था या कोई ऐसा कुत्ता जिसे उसके मालिक ने छोड़ दिया था.
अदालत ने आगे कहा कि राज्य के तंत्र की जिम्मेदारी स्थापित करने वाले स्पष्ट साक्ष्यों के आभाव इस न्यायालय को रिस ईप्सा लोक्विटर (कुछ प्रकार की दुर्घटना का होना ही लापरवाही को दर्शाने के लिए पर्याप्त है) के सिद्धांत को लागू करने और मामले में दिल्ली नगर निगम लापरवाह ठहराने से रोकता है. अदालत ने कहा निस्संदेह, मनुष्यों और कुत्तों के बीच बक रिश्ता कभी-कभी करुणा और बिना शर्त प्यार का रिश्ता होता है. जिम्मेदार अधिकारियों को मनुष्यों और कुत्तों दोनों की रहने की स्थिति में.संतुलन सुनिश्चित करने के लिए समान करुणा के साथ खतरे का प्रबंधन करने का प्रयास करना चाहिए.
अदालत ने यह भी कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस मुद्दे पर बहुआयामी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है. जिसमें सहानुभूति और संतुलित सह-अस्तित्व का माहौल विकसित हो. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह टिपण्णी बच्चे की माँ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की है. महिला ने 2007 में कुत्ते द्वारा काटे गए अपने पांच महीने के बेटे की दुखद मौत के लिए 50 लाख रुपए का मुआवजा मांगा था. घटना सुबह उस समय हुई जब याचिकाकर्ता के तीन बच्चे जिसमें शिशु भी शामिल था, अपने घर में सो रहे थे और कुत्ता कमरे में घूस गया और बच्चे पर हमला कर दिया. महिला की बेटी की शोर सुनकर महिला और उसके पति बच्चे को बचाने के लिए दौड़े जिसके बाद कुत्ता वहां से भग गया. उसके बाद शिशु को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.
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-भारत एक्सप्रेस
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