शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी गोविंदानंद सरस्वती.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा गोविंदानंद सरस्वती के खिलाफ दायर मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट 17 सितंबर को सुनवाई करेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने गोविंदानंद सरस्वती समेत मीडिया घरानों को जवाब दाखिल करने के लिए 2 दिन का समय दिया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 दिनों का समय दिया है.
गोविंदानंद पर क्या हैं आरोप?
पिछली सुनवाई के दौरान अविमुक्तेश्वरानंद के वकील ने कहा था कि गोविंदानंद उन्हें फर्जी बाबा, ढोंगी बाबा और चोर बाबा कहते है. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ अविमुक्तेश्वरानंद ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
उन्होंने कहा था कि अविमुक्तेश्वरानंद साधु और संत कहलाने लायक भी नही हैं, शंकराचार्य तो बहुत दूर की बात है. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा था कि अविमुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है. टीवी पर उन्हें कुछ लोग शंकराचार्य का टैग दे रहे है. मैं देश के सभी नागरिकों को संदेश देना चाहता हूं कि अविमुक्तेश्वरानंद एक नंबर का फर्जी आदमी है, वो अपने नाम के साथ साधु संत या संन्यासी जोड़ने लायक नहीं है, इसलिए शंकराचार्य के बारे में तो भूल जाइए.
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गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुछ पेपर भी दिखाए थे. उन्होंने प्रियंका गांधी द्वारा अविमुक्तेश्वरानंद को 13 सितंबर 2022 को लिखे एक पत्र को प्रमाण के तौर पर दिखाया था. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की. उन्होंने प्रियंका गांधी से 15 दिनों में माफी मांगने को कहा था, नही तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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