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दिल्ली शराब नीति मामला: राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 3 दिन की CBI रिमांड पर भेजा

दिल्ली शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है.

Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली. (फाइल फोटो)

दिल्ली शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. सीबीआई ने 5 दिन की रिमांड की मांग की थी. अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में खुद कहा कि सीबीआई दावा कर रही है कि मैंने मनीष सिसोदिया के खिलाफ बयान दिया है, यह गलत है. मनीष सिसोदिया निर्दोष है, आम आदमी पार्टी निर्दोष है और मैं भी निर्दोष हूं.

केजरीवाल को विशेष जज अमिताभ रावत की कोर्ट में पेश किया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आप कह रहे हैं कि ऐसी नीति नौकरशाही तंत्र से होकर गुजरता है, फिर इसे किसके समक्ष प्रस्तुत किया जाता है? मंत्री और फिर मंत्रियों के पास?, आप कह रहे हैं कि इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ? सीबीआई के वकील ने कहा कि पहली रिपोर्ट में असहमति नहीं है. कोर्ट ने कहा कि तो आप कह रहे हैं कि यह रिपोर्ट संबंधित मंत्री को भेजी गई थी, आप कह रहे हैं कि वे बदल गए? सीबीआई के वकील ने कहा कि नहीं, मैं कह रहा हूं कि उन्होंने पब्लिक कमेंट्स मांगी थीं, हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि यह AAP ही थी, जो उन कमेंट्स को एक विशेष स्थान से करवाने की कोशिश कर रही थी, उसमें भी हेराफेरी की गई.

मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि हमें केजरीवाल की हिरासत चाहिए, हमें पूछताछ की जरूरत है. केजरीवाल यह भी नहीं पहचान पा रहे हैं कि विजय नायर उसके अधीन काम कर रहे थे. सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल का कहना है कि वह आतिशी मार्लेना और सौरव भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. केजरीवाल ने सारा दारोमदार मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें एक्साइज पॉलिसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है. सीबीआई ने कहा कि मौजूद दस्तावेजों से केजरीवाल का सामना कराना है. सीबीआई ने कहा कि जब हमने केजरीवाल से पूछा कि क्या आप गोवा गए थे और आपके रहने का खर्च किसने दिया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं है.

सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल के गोवा में ठहरने का भुगतान हवाला के पैसे से किया गया था. सीबीआई ने कहा कि हमारे पास पूरी चेन है, किसने क्या किया, कैसे हुआ, हमारे पास सब कुछ है. कोर्ट ने CBI से पूछा कि आपको केजरीवाल का सामना दस्तावेजों से कराना है या आरोपी से? CBI ने कहा कि दोनों से कोर्ट ने CBI से पूछा कि आपने केजरीवाल को अभी क्यों गिरफ्तार किया? CBI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव के लिए उनकी अंतरिम जमानत पर विचार कर रहा था. यह CBI के संयम को दर्शाता है, जब वह चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे तो CBI ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया.

CBI की दलील पूरी होने के बाद केजरीवाल के वकील ने दलील देते हुए कहा कि सबसे पहले अदालत को यह देखना होगा कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत थी? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रिमांड की जरूरत है? इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने अर्नेश कुमार और अंतिल के फैसले में दिशा-निर्देश दिए हैं. इस मामले मे CBI की FIR 17 अगस्त 2022 की है. जिसमें केजरीवाल को अगले साल 16 अप्रैल को गवाह के तौर पर बुलाया गया. उस दिन से लेकर इस साल 24 जून तक CBI ने उन्हे कभी भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया.

CBI की 7600 पन्नों की पहली चार्जशीट नवंबर 2022 में दाखिल हुई. जिसमें सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. जबकि दूसरी चार्जशीट अप्रैल 2023 मे दाखिल की थी. इस मामले मे अब तक चार चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं. इनमें से किसी में भी केजरीवाल का जिक्र तक नहीं है. आखिरी चार्जशीट 8 जून को दाखिल की थी. मगुंटा रेड्डी ने रिश्वत देने की बात कबूल की है. इसलिए उन्होंने उसे गवाह घोषित कर दिया है. मगुंटा रेड्डी का बेटा PMLA मामले में आरोपी था और बाद में सरकारी गवाह बन गया. अब इस CBI मामले में भी वह सरकारी गवाह बन गया है. जबकि मगुंटा रेड्डी 29 फरवरी 2024 को सत्तारूढ़ BJP पार्टी के गुट NDA में शामिल हो गए हैं और उनके सभी पाप धुल गए हैं. यह सत्ता के दुरुपयोग का एक अनोखा मामला है.

केजरीवाल की ओर से पेश विक्रम चौधरी ने कहा कि मुझे 20 जून को निचली अदालत ने ED मामले मे जमानत दे दी. अब CBI को मेरी ज़रूरत क्यों है? वह इंतजार क्यों कर रहे थे? वह कहते हैं कि उनके पास सामग्री थी तो उन्होंने पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया ? केजरीवाल के विक्रम चौधरी ने कहा कि CBI चाहती हैं कि मैं हिरासत में ही रहूं. क्या यह स्वतंत्र एजेंसियां ​​हैं या फिर यह लोगों को खुश करने के लिए खेल खेल रही हैं? मैं यह कह रहा हूं कि अगर यह आदमी वास्तव मे दोषी था और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, तो उन्होंने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया? मामले मे जांच अधिकारी को ठोस सुबूत के जरिए यह साबित करना होगा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. सहयोग न करना ही एकमात्र गिरफ्तारी का आधार नहीं है. मुझे चुप रहने का भी अधिकार है. वहीं अगर जांच एजेंसी की बात को कबूल कर ले तो यह जांच मे सहयोग मान लिया जाएगा, CBI की यह कैसी दलील है.

केजरीवाल की तरफ से वकील विवेक जैन ने कहा कि मनीष सिसोदिया के मामले में भी CBI ने यही दलीलें दी गई थीं. उन्होंने CBI पर सवाल उठाते हुए कहा मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी है और अगर आप उन्हीं सबूतों पर भरोसा कर रहे हैं तो अब केजरीवाल को कैसे गिरफ्तार कर रहे हैं? वकील विवेक जैन ने कहा कि इस नीति को बनाए जाने मे वित्त, कानून और आबकारी विभाग, सभी से सलाह और विभाग के मंत्री की भी राय ली गई. उसके बाद इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे उपराज्यपाल के दफ्तर भेजा गया. जहां एक महीने तक फाइल रहने के बाद ऑफिस ने कुछ बदलाव सुझाए. उन बदलावो को कैबिनेट के सामने रखा गया. जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी और फिर नीति बनाई गई.

केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कहा कि मगुंटा रेड्डी ने PMLA की धारा 50 के तहत एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से केवल पांच से छह मिनट के लिए ही मिला था और शराब नीति के बारे में कुछ भी चर्चा नहीं की थी. उन्होंने कहा कि आप ऐसे व्यक्ति पर कैसे विश्वास कर सकते हैं जो अपने बयान मे कहता है कि मैंने केजरीवाल के साथ शराब नीति के बारे में कुछ भी चर्चा नहीं की और फिर वह आगे चल कर पलट जाता है और मेरे खिलाफ आरोप लगाता है? यह वास्तव में CBI की दुर्भावना और प्रक्रिया का दुरुपयोग दर्शाता है. CBI द्वारा की गई यह गिरफ्तारी उसको मिली शक्तियों का दुरुपयोग हैं.

सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल के करीबी विश्वासपात्र विजय नायर को फिर समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी. हमारे पास दिखाने के लिए तमाम विवरण और तारीखें आदि हैं. कोर्ट ने कहा कि आप किसी अपराध को आपराधिकता से जोड़ते हैं, सामान्य प्रक्रिया यह है कि विभिन्न स्तर होते हैं, इसे मंत्री को सौंपा जाता है फिर इसे मंत्रियों को भेजा जाता है, आप कह रहे हैं कि रिपोर्ट नौकरशाही स्तर पर तैयार की गई थी. इसके बाद डिप्टी सीएम ने जनता से राय मांगी, उन विचारों को एकत्रित किया गया और उसके बाद अचानक बदलाव किए गए. सीबीआई के वकील ने कहा कि अधिकारी राहुल सिंह जो करते हैं, वह आम आदमी पार्टी की इच्छानुसार सार्वजनिक टिप्पणियों को शामिल करते हैं.

सीबीआई के वकील ने कोर्ट से कहा कि हमने पता लगा लिया है कि यह रिपोर्ट किस मकसद से तैयार की गई थी और उस रिपोर्ट को सरकार तक पहुंचाया गया, वह ही नीति बन गई, इसीलिए रिपोर्ट में या सुझावों में ये 12 प्रतिशत नहीं है. कोर्ट ने सीबीआई के वकील से कहा कि मान लीजिए कि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि साउथ ग्रुप, अगर जनता के विचारों को स्पष्ट करने का निर्णय लिया गया है, तो कुछ भी गलत नहीं है. आप केवल संलिप्तता पर आपराधिकता जोड़ रहे हैं, तो प्रक्रिया में कोई अवैधता नहीं है? अगर आप कह रहे हैं कि प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए. बहुत लोगों ने अपने विचार दिए और हमें हिसाब से उन्होंने इसका मसौदा तैयार किया. मैं केवल प्रक्रिया के बारे में पूछ रहा हूं, मैं यह कह रहा हूं कि यदि नीति के लिए जनता के विचारों को स्पष्ट किया जाए तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, जैसा कि सीबीआई का कहना है.

कोर्ट ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि रिपोर्ट आती है, जनता की राय आती है, कुछ दृश्य फ़ाइल से हटा दिए गए, अनुकूल राय के साथ रिपोर्ट मंत्रियों के समूह के सामने रखी गई, आगे क्या हुआ? सीबीआई के वकील ने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट है. कैसी और किस तरह की नीति बनानी चाहिए. इसपर कोर्ट ने कहा कि पूरी प्रक्रिया में ये कहां है? सीबीआई के वकील ने कहा कि दो अधिकारी बदल गए, एक नई फाइल बनाई गई है, एक अन्य अधिकारी पदभार ग्रहण करता है और वह नए कैबिनेट नोट के लिए निर्देश देता है.

सीबीआई के वकील ने कहा कि साउथ ग्रुप के सदस्य दिल्ली के ओबेरॉय में आकर ठहरे थे. इनके ठहरने के दौरान मनीष सिसौदिया द्वारा बनाया गया एक नोट था, फिर उसी दिन, साउथ ग्रुप कंप्यूटर तक पहुंचता है और प्रिंटआउट लेता है. बोइनपल्ली और बुची बाबू ने टैक्सी ली और विजय नायर के कार्यालय के बगल वाले कार्यक्रम स्थल तक गए थे. कोर्ट ने CBI से पूछा कि मौजूदा आरोपी केजरीवाल के खिलाफ क्या सबूत हैं? CBI ने कहा कि मगुंटा से उनकी पहली मुलाकात 16 मार्च हुई थी. विजय नायर केजरीवाल के करीबी सहयोगी थे. मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी सांसद हैं और साउथ ग्रुप के बड़े खिलाड़ी हैं. उन्होंने दिल्ली सचिवालय में केजरीवाल से मुलाकात की और उनसे शराब कारोबार में सहयोग देने को कहा.

सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में समर्थन का आश्वासन दिया और AAP को मौद्रिक निधि प्रदान करने के लिए कहा. कोर्ट ने CBI से पूछा कि इसका सबूत क्या है? CBI ने कहा कि मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी हमारे गवाह हैं. उन्हें के कविता से मिलने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने कहा कि आपके पास उसका सीआरपीसी की धारा 164 का बयान है? CBI ने कहा – हां. CBI ने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें के कविता से मिलने के लिए कहा था, वह जाता है, उससे मिलता है और के कविता ने 15 करोड़ रुपये की मांग की. इसपर कोर्ट ने कहा कि यह AAP नहीं है, ये दिल्ली सरकार है. इसपर सीबीआई वकील ने कहा कि नहीं, मनीष सिसौदिया द्वारा, ये सभी आप पार्टी के सदस्य और आप समर्थक हैं. सीबीआई ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जानकारी और मिलीभगत से किया गया.

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-भारत एक्सप्रेस

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