दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2025 (CLAT-UG) के नतीजों को चुनौती देने वाले अभ्यर्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वे लोग इस मामले को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. क्योंकि इसी मुद्दे से संबंधित कई होईकोर्ट में मामला लंबित है. वे सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण को लेकर उससे आग्रह करेंगे. इसलिए मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए.
कार्यवाहक चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने इसकी अनुमति दे दी और सुनवाई 30 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया.
पहले आदेश पर रोक लगाने से इनकार
इससे पहले इस दो सदस्यीय पीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उसे एकल पीठ के आदेश में कोई त्रुटि नजर नहीं आता है. उसने रिजल्ट जारी करने की भी अनुमति दे दी थी. यह आदेश एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर आया था. एकल पीठ के जस्टिस ज्योति सिंह ने 20 दिसंबर को संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT) के एक अभ्यर्थी की याचिका पर अपना फैसला सुनाया था और प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत बताए थे.
याचिका में संघ के उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई थी और पांच प्रश्नों के सही उत्तरों की घोषणा के लिए निर्देश देने की मांग की थी. एकल पीठ ने कहा था कि त्रुटियां ‘स्पष्ट तौर पर दिख रही’ है. उन पर आंखें मूंद लेना अन्याय करने के समान होगा. याचिकाकर्ता ने एकल पीठ के दो प्रश्नों को लेकर ही फैसला देने के खिलाफ भी अपील की है. उसने कहा है कि पांच प्रश्नों के उत्तर कुंजी गलत थे. उसपर भी सुनवाई की जाए.
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-भारत एक्सप्रेस
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