कोरोना और डेंगू का कहर
उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर थमते ही अब डेंगू कहर बरपा रहा है. डेंगू के मामलों में हर दिन इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं लखनऊ में डेंगू ने 1 युवक की फिर जान ले ली. इस साल डेंगू से यह पहली मौत नहीं है.ये मरीज़ निजी अस्पताल में 3 दिन से वेंटिलेटर पर था. उधर, कोरोना की चपेट में आई 20 साल की प्रसूता ने दम तोड़ दिया. जिले में करीब 40 दिन बाद संक्रमण से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
शारदानगर रजनीखंड के रहने वाले रमेश का बेटा अभिषेक श्रीवास्तव निजी कंपनी में मैनेजर था. डेढ़ हफ्ते पहले तेज बुखार आने पर उसने क्लीनिक से दवा ली, लेकिन उनकों फायदा नहीं हुआ. इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर डेंगू की जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद परिजनों ने उसे 13 अक्तूबर को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. अभिषेक की प्लेटलेट्स घटकर 30 हजार के करीब पहुंच गई थी. हालत लगातार बिगड़ने पर 16 अक्तूबर को उसे कृष्णानगर के प्राइवेट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया, जहां उसे आईसीयू में रखा गया है.
17 अक्टूबर को हालत बेहद नाजुक होने पर मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया. इसके बाद बुधवार शाम इलाज के दौरान अभिषेक ने दम तोड़ दिया. उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया है. 1घंटे बवाल के बाद पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया. वहीं हॉस्पिटल के लखनऊ हेड अभिषेक ने बताया कि मरीज जब लाया गया तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी. डेंगू होने के अलावा अंदरूनी ब्लीडिंग के साथ वह शॉक में चला गया था.
संक्रमित प्रसूता की मौत
13 अक्टूबर को क्वीन मेरी अस्पताल में संक्रमण से जान गंवाने वाली प्रसूता को भर्ती कराया गया था. जांच के दौरान ये पता चला कि उसे एनीमिया है. प्रसव के बाद खून की कमी होने से महिला शॉक में चली गई. टेस्ट के दौरान उसमें कोरोना की पुष्टि हुई. इलाज के दौरान उसने सोमवार को दम तोड़ दिया. उधर, स्वास्थ्य विभाग ने महिला की कोरोना से मौत की जानकारी बुधवार को जारी की. CMO का कहना है महिला की हालत बेहद गंभीर थी. उन्होंने सभी से मास्क लगाने के साथ कोरोना का टीका लगवाने की अपील की है. इसके अलावा बूस्टर डोज लगवाने को भी कहा.