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Deoria Murder Case: पूरे परिवार की हत्या होने के 6 दिन बाद घर पहुंचा मृतक सत्य प्रकाश दुबे का बेटा, बिलख-बिलख कर रोया…बोला- “किसके लिए रहूं जिंदा”

देवेश ने रोते हुए बताया कि, उसके छोटे भाई का जन्म गांधी जयंती को हुआ था, इसीलिए उसे सब गांधी बुलाते थे. हत्यारों ने उसकी हत्या, उसके जन्म दिन के दिन ही कर दी.

मृतक सत्य प्रकाश दुबे का बेटा देवेश (फोटो सोशल मीडिया)

Deoria Murder Case: देवरिया हत्याकांड मामले में चाहे भले पुलिस बड़ी से बड़ी कार्रवाई कर दे, लेकिन अपने पूरे परिवार (माता-पिता, दो बहनें और एक भाई) को खो चुका मृतक सत्य प्रकाश दुबे का बेटा देवेश बिल्कुल अकेला महसूस कर रहा है. घटना के 6 दिन बाद पुलिस उसे सुरक्षा घेरे के साथ उसके घर ले गई तो वह घर की चौखट पर पैर रखते ही बिलख-बिलख कर रोने लगा तो मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. घर के अंदर जाते वक्त उसके पैर लड़खड़ा रहे थे.

घर में बिखरे पड़े सामान और भाई-बहन के कपड़ों को देखकर वह सिर पकड़ कर बैठ गया और रोते हुए कहने लगा कि, हत्यारों ने उसकी पूरी दुनिया ही उजाड़ दी. अब भला वह किसके लिए जिंदा रहेगा. इस पर मौके पर मौजूद लोगों ने उसे सम्भाला. उसने रोते हुए बताया कि उसके छोटे भाई का जन्म गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को हुआ था, इसीलिए उसे सब गांधी बुलाते थे. हत्यारों ने उसकी हत्या उसके जन्म दिन के दिन ही कर दी. यह कहते हुए देवेश अपने भाई के कपड़ों को अपने सीने से लगाकर रोने लगा. उसने देखा कि घर में मां का बक्सा और बहनों का सामान भी बिखरा हुआ था. हमलावरों ने कटरेन के बने उसके घर को तहस-नहस कर दिया था. देवेश करीब एक घंटे तक अपने बिखर चुके घर में रहा और फिर मां का बक्सा लेकर पुलिस के साथ देवरिया लौट आया. भारी सुरक्षा के बीच लौटते वक्त देवेश फूट-फूट कर रो रहा था.

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मालूम हो कि 2 अक्टूबर की सुबह पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव की हत्या हो गई थी. इस पर क्रोधित हमलावरों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर में धावा बोल दिया और डंडे व गोली से सत्यप्रकाश सहित उनकी पत्नी और तीन बच्चों को बेरहमी से मार डाला. एक बेटे को मरा समझकर छोड़ गए. बाद में पुलिस ने उसे अस्पताल में एडमिट कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है तो वहीं एक बेटी की शादी होने के कारण वह भी घर में नहीं थी. तो देवेश भी कर्मकांड कराने के लिए बाहर गया था. इसलिए वह भी बच गया. फिलहाल इस पूरी घटना को लेकर देवेश ने हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

मरे हुए लोगों पर दर्ज कराया है मुकदमा

मालूम हो कि इस घटना में दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर मुकदमा दर्ज कराया है. जहां सत्यप्रकाश दुबे की ओर से उनकी बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी ने 27 नामजद और 50 अज्ञात सहित कुल 77 लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या का प्रयास मामले में मुकदमा दर्ज कराया है तो वहीं प्रेमचंद यादव की ओर से सत्य प्रकाश दुबे समेत परिवार के 4 लोगों पर मुकदमा लिखवाया गया है, जिसमें सभी की हत्या हो चुकी है. वहीं इस पूरे मामले की विवेचना रुद्रपुर कोतवाली कर रही है, लेकिन इस पर अभी कोई भी पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. फिलहाल पुलिस अब इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

-भारत एक्सप्रेस

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