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Divorce Rate: रिश्ते निभाने में अव्वल भारत, तलाक दर मात्र 1 प्रतिशत, जानें दुनिया के अन्य देशों का हाल

Divorce Rate: भारत में तलाक कपल के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और सिखों के लिए, तलाक की कार्यवाही हिंदू विवाह अधिनियम 1955 द्वारा शासित होती है.

Divorce Rate

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Divorce Rate: रिश्तों को निभाने के मामले में दुनिया में भारत सबसे अव्वल देश है. ये हम नहीं, आंकड़े बता रहे हैं. भारत में तलाक की दर वैश्विक स्तर पर सबसे कम है. यह जानकारी वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स (World of Statistics)  की रिपोर्ट में दी गई है. वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में तलाक की दर मात्र 1 प्रतिशत दर्ज की गई है. भारत के ठीक बाद वियतनाम 7 प्रतिशत के साथ दूसरे सबसे कम तलाक दर वाला देश है. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि पुर्तगाल में तलाक की दर सबसे अधिक है. पुर्तगाल में तलाक की दर करीब 94 फीसदी है.

यूरोप में सबसे अधिक तलाक दर

यूरोप में तलाक की दर सबसे अधिक दर्ज की जाती है. पुर्तगाल के बाद, स्पेन में तलाक की दर 85 प्रतिशत है. लक्ज़मबर्ग, फ़िनलैंड, बेल्जियम, फ्रांस और स्वीडन सहित कई अन्य यूरोपीय देशों में भी तलाक की दर 50 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है. अमेरिका और कनाडा में तलाक की दर समान है, जो लगभग 50 प्रतिशत है.

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भारत में तलाक

भारत में तलाक कपल के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और सिखों के लिए, तलाक की कार्यवाही हिंदू विवाह अधिनियम 1955 द्वारा शासित होती है. वहीं मुसलमान 1939 के मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम का पालन करते हैं. पारसियों के लिए, 1936 का पारसी विवाह और तलाक अधिनियम लागू होता है, जबकि ईसाइयों को 1869 के भारतीय तलाक अधिनियम द्वारा निर्देशित किया जाता है. दूसरी ओर, इंटर कास्ट मैरिज, 1954 के विशेष विवाह अधिनियम के दायरे में आते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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