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Gita Press Gorakhpur: गीता प्रेस पूरी नहीं कर पा रहा डिमांड, अब ऑनलाइन मुफ्त में रामचरितमानस डाउनलोड करने की दी सुविधा

Gita Press Gorakhpur: गीता प्रेस ट्रस्ट ने कहा है कि अगले 15 दिनों तक उनकी आधिकारिक वेबसाइट से मुफ्त में रामचरितमानस को डाउनलोड कर सकेंगे.

Gita Press gorakhpur

15 दिन मुफ्त में डाउनलोड कर सकेंगे रामचरितमानस

Gita Press Gorakhpur: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र के हाथों किया जाएगा. इसी दिन भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी, जिसको लेकर शोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. पूरा देश राममय हो रहा है. देश-विदेश से लोग प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. इसी बीच गोरखपुर स्थित गीता प्रेस ने बड़ा ऐलान किया है. गीता प्रेस (Gita Press) ट्रस्ट ने कहा है कि अगले 15 दिनों तक उनकी आधिकारिक वेबसाइट से मुफ्त में रामचरितमानस को डाउनलोड कर सकेंगे. रामचरितमानस को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.

ट्रस्ट ने रामचरितमानस को साइट पर अपलोड करने का फैसला लिया

मिली जानकारी के अनुसार, रामचरितमानस की भारी डिमांड को देखते हुए गीता प्रेस (Gita Press) ट्रस्ट ने ये फैसला लिया है. उनकी ओर से कहा गया है कि गीता प्रेस में रामचरितमानस के लोकप्रिय संस्करण का स्टॉक खत्म हो गया है. इसके अलावा तमाम हिंदू धर्मग्रंथ और देवताओं पर प्रकाशन भी समाप्त हो रहे हैं. जिसे देखते हुए ट्रस्ट ने रामचरितमानस को साइट पर अपलोड करने का फैसला लिया है.

9 साल पहले गीता प्रेस बंद होने की कगार पर था

बता दें कि 9 साल पहले गीता प्रेस बंद होने की कगार पर था, लेकिन अब राम मंदिर निर्माण और उसके उद्घाटन से पहले स्टॉक खत्म हो रहा है. गीता प्रेस लोगों की डिमांड को पूरा करने में असमर्थता जताई है. इसलिए अगले 15 दिनों तक रामचरितमानस को डाउनलोड के लिए अपलोड कर दिया है.

50 हजार लोग एकसाथ डाउनलोड और सर्च कर सकेंगे

गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने कहा कि “हम रामचरितमानस को गीता प्रेस की वेबसाइट पर अपलोड कर रहे हैं. इसे अगले 15 दिनों तक कोई भी मुफ्त में डाउनलोड कर सकेगा. 50 हजार लोग एकसाथ डाउनलोड और सर्च कर सकेंगे. अगर मांग बढ़ती है तो इस क्षमता को बढ़ाएंगे. जिससे एक बार में एक लाख लोग रामचरितमानस को डाउनलोड कर सकेंगे. इसके साथ ही सेवा अवधि को भी बढ़ाया जा सकता है.” लालमणि त्रिपाठी ने कहा कि इतने कम समय में 4 लाख प्रतियां छापना उनके लिए आसान नहीं है, गीता प्रेस 15 अलग-अलग भाषाओं में किताबें प्रकाशित करती है. इसके साथ ही करीब ढाई हजार पुस्तक वितरक भी गीता प्रेस से जुड़े हुए हैं. उनकी मांगों को भी ध्यान में रखा जा रहा है, क्योंकि उनकी आजीविका भी इसी पर निर्भर है.

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पीएम मोदी ने किया था दौरा

बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले साल 7 जुलाई को गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में शामिल हुए थे. तब पीएम मोदी ने कहा था कि गीता प्रेस किसी मंदिर से कम नहीं है. इसके साथ ही कहा था कि प्रकाशक अपने काम के जरिए मानवता का मार्गदर्शन कर रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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