अरविंद केजरीवाल
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 200 पन्नों का पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आम आदमी पार्टी (आप) को बतौर आरोपी नामजद किया गया है. यह आरोप-पत्र राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में दाखिल किया गया है. न्यायाधीश इस आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने पर 18 मई को विचार करेंगी.
केजरीवाल अंतरिम जमानत पर हैं
ईडी की ओर से दाखिल किया गया यह आठवां आरोप-पत्र है, जिसमें केजरीवाल व आप को आरोपी बनाया गया है. उसने यह आरोप-पत्र मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दाखिल किया है और अदालत से उन सबके खिलाफ आरोप तय करने व उसको लेकर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है. वर्तमान में केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल की गिरफ्तारी एवं उनके हिरासत में भेजने के अदालती आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता बताया
ईडी ने आप के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था और इस समय वह अंतरिम जमानत पर हैं. इस मामले में अबतक 18 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. पिछले सप्ताह इसी तरह का आरोप पत्र ईडी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता एवं अन्य चार अन्य के खिलाफ दाखिल किया था. ईडी ने इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को आबकारी नीति मामले का सरगना और मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था. उसने आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं एवं अन्य लोगों के साथ साठगांठ कर इसे अंजाम दिया है.
केजरीवाल परोक्ष रूप से जिम्मेदार
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि हमारे पास प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि केजरीवाल गोवा के एक सात सितारा होटल में ठहरो थे, जिसके बिल का आंशिक भुगतान एक आरोपी ने किया था. उन्होंने यह भी दावा किया है कि केजरीवाल ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.
-भारत एक्सप्रेस