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Jammu And Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पू्र्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ED ने भेजा समन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज होगी पूछताछ

Jammu And Kashmir: प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यंत्री फारूक अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए समन भेजा है.

Farooq Abdullah

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला

Jammu And Kashmir: प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यंत्री फारूक अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए समन भेजा है. ईडी की की ओर से ये समन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए जारी किया गया है. फारूक अब्दुल्ला को गुरुवार (11 जनवरी) को पेश होने के लिए कहा गया है.

11 जनवरी को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया

मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ईडी ने बुधवार को समन भेजा है. जिसमें उन्हें 11 जनवरी को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया है. फारूक अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ये समन जारी किया गया है. ईडी ने साल 2022 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी.

क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ा है मामला

बता दें कि क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े घोटाला मामले में फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ ईडी ने 2022 में आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें अब्दुल्ला के अलावा तत्कालीन जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी रहे अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजानफर को आरोपी बनाया गया था. ईडी ने ये चार्जशीट जम्मू-कश्मीर की एक अदालत में पेश की थी. इसमें अब्दुल्ला समेत अन्य लोगों पर धन शोधन के आरोप लगे थे.

फारूक अब्दुल्ला की जब्त हुई थी संपत्ति

गौरतलब है कि जेकेसीए से ये पूरा मामला जुड़ा हुआ है. इस मामले में ईडी पहले भी कार्रवाई कर चुकी है. तब प्रवर्तन निदेशालय ने 21.55 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को जब्त किया था. जिसमें फारूक अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा और मीर मंजूर की संपत्ति शामिल थी.

ईडी ने कार्रवाई को लेकर कहा था कि JKCA के बैंक खाते से बिना किसी कारण नकदी को निकाला गया था. इसके साथ ही क्रिकेट एसोसिएशन का पैसा कई निजी खातों में भेजा गया था. इसमें एसोसिएशन से जुड़े कुछ अधिकारी भी शामिल थे.

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ईडी ने मामले की जांच के लिए सीबीआई की ओर से दर्ज की गई FIR को आधार बनाया था. सीबीआई ने इस मामले में जुलाई 2018 में FIR दर्ज की थी. इसमें जेकेसीए को गलत ढंग से नुकसान दिखाया गया था. इसके अलावा इससे जुड़े लोगों को 43.69 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने की बात भी कही गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

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