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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में शाहजहां शेख से जुड़े मामले में ED ने कई ठिकानों पर छापा मारा, भारी संख्या में अर्ध सैनिक बल मौजूद

ED द्वारा दर्ज एक नए मामले (ECIR ) में आज शाहजहां शेख के खिलाफ ED सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई कर रही है.

enforcement directorate

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (14 मार्च) को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में गिरफ्तार और टीएमसी से निष्कासित विधायक शेख शाहजहां से जुड़े कथित जमीन कब्जा मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी फिलहाल जारी है और केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर की जा रही है. जिन स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं, उनमें मामले से जुड़े संदिग्धों के आवासीय स्थान भी शामिल हैं.

शाहजहां शेख के खिलाफ ED की कार्रवाई

जांच एजेंसी द्वारा दर्ज एक नए मामले (ECIR) में आज शाहजहां शेख के खिलाफ ED सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई कर रही है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले अवैध तौर पर जमीन पर कब्जा करने और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में संदेशखाली इलाके के नजत थाना में एक FIR दर्ज किया गया था. मामले को ED द्वारा टेकओवर करने के बाद आज छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है.

शाहजहां को 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था

संदेशखाली गांव में यौन हिंसा और जमीन पर कब्जा करने के आरोप में शाहजहां की गिरफ्तारी हुई. उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीते 29 फरवरी को उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखान में एक ठिकाने से पकड़ा था और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था.

इससे पहले फरवरी में ईडी ने इसी मामले में पश्चिम बंगाल में करीब आधा दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी. जनवरी में एजेंसी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) घोटाला मामले के सिलसिले में विभिन्न स्थानों पर दो अलग-अलग छापे मारे, जो शाहजहां से जुड़ा एक और मामला था.

जनवरी में ईडी टीम पर हुआ था हमला

बीते 5 जनवरी को इसी तरह के एक ऑपरेशन के दौरान उत्तरी 24 परगना जिले में शाहजहां और टीएमसी नेता शंकर आध्या के आवासों पर छापेमारी करने के दौरान ED अधिकारियों पर हमला किया गया था.

लगभग 200 स्थानीय लोगों, जो कथित तौर पर शाहजहां शेख के समर्थक थे, ने अधिकारियों और सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को घेर लिया और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. इस झगड़े में ED के दो अधिकारी घायल हो गए. हमले के बाद शाहजहां फरार हो गया था.

भाजपा और टीएमसी आमने-सामने

इस घटना ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना की थी, जबकि टीएमसी ने ED पर स्थानीय लोगों को भड़काने का आरोप लगाया.

इसके बाद गृह मंत्रालय ने हमलों के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.

अपनी गिरफ्तारी से पहले शाहजहां फरार रहे थे, राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों ही उनका पता लगाने में असमर्थ रही थीं. हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में ED के अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (SIT) को निर्देश दिया था.

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