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UP News: लखनऊ में दिखा बंगाल से आए मोचा का असर, कई जिलों में तेज तूफान और आंधी ने उखाड़े पेड़, 30 से 35 किमी की रफ्तार से चल रही हवाएं

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने जानकारी दी कि, अगले दो से तीन दिनों तक हवा इसी तरह जारी रहेंगी. इससे प्रदेश के कई हिस्सों में धूल भरी आंधी तो वहीं कुछ हिस्सों में छिटपुट बादलों की आवाजाही रहेगी.

तूफान से टूट गए पेड़

UP News: उत्तर प्रदेश में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. कभी तेज बारिश और तूफान तो कभी तेज धूप लोगों का जीना मुहाल किए है. तेज आंधी ने लोगों के साथ ही पेड़-पौधों का भी हाल बुरा कर दिया है. जानकारी सामने आ रही है कि बंगाल से आए मोचा तूफान की वजह से लखनऊ सहित तमाम जिलो में आंधी, बारिश और तूफान से भारी नुकसान हुआ है. मौसम विशेषज्ञों ने लोगों सतर्क रहने की चेतावनी दी है.

इस सम्बंध में आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश ने बताया कि, बंगाल की खाड़ी में आ रहे मोचा तूफान के असर से प्रदेश भर में 30 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बौछार भी हुई है. उन्होंने कहा कि, अगले दो से तीन दिनों तक हवा इसी तरह जारी रहेंगी. इससे प्रदेश के कई हिस्सों में धूल भरी आंधी तो वहीं कुछ हिस्सों में छिटपुट बादलों की आवाजाही रहेगी. इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

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वहीं, खराब मौसम की वजह से राजधानी लखनऊ में सुबह से ही धूल भरी आंधी चलती रही, जिससे आम की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं सहारनपुर में देर रात आये आंधी तूफान व बारिश ने भारी तबाही मचाई है. तेज आंधी तूफान की वजह जगह जगह पेड़ व बिजली के पोल टूटकर गिर गए हैं. बीच सड़क गिरे पेड़ो की वजह से मुख्य मार्ग प्रभावित हुआ है. लोग आने-जाने में परेशानी उठा रहे हैं. सड़कों पर जाम लग गया है. इतनी ही नहीं आंधी तूफान के बाद आई बारिश की वजह से जहां गर्मी से आम आदमी को राहत मिली तो वहीं किसानों को भारी नुकसान की चिंता सता रही है. सहारनपुर के कई हिस्सों में बड़े-बड़े पेड़ों के गिरने के साथ ही बिजली के पोल भी टूट कर सड़क पर गिर गए हैं. इसी के साथ यहां आम के बाग मे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है.

दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने से 7 मई को चक्रवाती तूफान की संभावना बन रही है. यह वर्ष का पहला चक्रवात होगा. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने इस संभावित तूफान को ‘चक्रवात मोचा’ नाम दिया है. मोचा बंगाल के साथ ही समूचे उत्तर भारत के मौसम पर असर डालेगा और 9 से 12 मई के बीच तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है.

बता दें कि बीते रविवार को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात उठा था. मोचा तूफान बांग्लादेश और म्यांमार के तट से टकराया था. इसके बाद इस तूफान ने न केवल म्यांमार बल्कि बांग्लादेश में भी भारी तबाही मचाई थी. इसमें कई लोगों की जान भी चली गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

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