यूपी के किसान का कमाल
यूपी में बरेली के एक किसान ने अपनी नई तकनीक से पारंपरिक खेती को सिर के बल खड़ा कर दिया है. खेती को लेकर किसानों की पुरानी तरकीब को अब अलविदा कह कर हिंदुस्तान के किसानों के लिए नया नजरिया दे दिया है. इस खेती में केमिकल नहीं है. बल्कि खाद से लेकर हर चीज ऑर्गेनिक है. जाहिर है रामवीर न सिर्फ पेड़ पौधे और सब्जियां उगा रहे हैं बल्कि वे देश के हेल्थ की चिंता भी कर रहे हैं.
रामवीर के हाइड्रोपोनिक खेती की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इसको कहीं भी उगाया जा सकता है. घर की छत से लेकर बालकनी तक और बड़े स्तर पर खेत में बेहद आसानी से इसे किया जा सकता है.
रामवीर ने हाइड्रोपोनिक खेती कैसे शुरू की इसके पीछे एक बेहद मार्मिक कहानी है. दरअसल रामवीर अपने चाचा के कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि कीटनाशक वाले फल खाने के चलते उनके चाचा बीमार पड़ गए हैं. रामवीर ने तय किया कि वे अब ऐसी खेती करेंगे जिससे लोगों के सेहत से खिलवाड़ न हो.
रामवीर की खेती में सिर्फ पेड़ पौधे लगा देना और सब्जियां उगा देना नहीं है. दरअसल रामवीर ने खेती को नया आयाम दिया है. जिसमें खेती का मतलब आर्गेनिक सब्जियां, मछलीपालन और स्विमिंग पुल भी है. नर्सरी में देशी विदेशी पौधे कमाई की नई कहानी कह रहे हैं साथ ही भारत के किसानों के लिए अपने पारंपरिक खेती को बदलने की हिदायत भी दे रहे हैं.
हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में रामवीर की सोच न सिर्फ़ कमाई करना है बल्कि कम से कम जगह में और कम से कम खर्चे में खेती करना है. पुदीना से लेकर गोभी तक के उगाने का उनका तरीका बेहद शानदार है. रामवीर ने अपने फार्म हाउस में पर्यटन का विशेष ख्याल रखा है. छोटे छोटे पौधों के बीच में छोटे छोटे रहने के कमरे आकर्षण के बड़े केंद्र हैं. खेती किसानी और प्रवास का प्रबंधन अपनी ओर बरबस ही ध्यान खींचता है.
रामवीर की खेती का तरीक़ा उन निराश युवाओं को ऊर्जा से भर देगी जो खेती करने की जगह शहरों में रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं. युवा इस नई तकनीक से अपना कैरियर और भविष्य दोनों संवार सकते हैं. रामवीर ने खेती के कई आयाम दर्शाए हैं जिसमें जमीन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो. इसमें स्वीमिंग पुल, रेस्टोरेंट, मछलीपालन, और देशी आर्गेंगिक खेती का बेजोड़ दर्शन है.
किसानी की इस नई तकनीक में भारत के उज्ज्वल भविष्य का सपना है. युवाओं का करियर है और कृषि को लाभपरक बनाने की कोशिश है. निश्चय ही रामवीर की हाइड्रोपोनिक तकनीक से किसानों को बड़ा फायदा हो सकता है.
बरेली से विशेष संवाददाता देवनाथ की रिपोर्ट
-भारत एक्सप्रेस
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