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आज से Fake Calls और Message बंद, TRAI ने लागू किया ये नया नियम

TRAI ने आज से इन नियमों को लागू कर दिया है मतलब आज से आपको वो मैसेज नहीं मिलेंगे जो टेलिमार्केटिंग का हिस्सा नहीं होंगे.

TRAI

सांकेतिक तस्वीर.

TRAI आज (11 दिसंबर) से OTP मैसेज ट्रेसेबिलिटी के नियम को लागू करने जा रहा है. इसकी मदद से स्पैम और फेक मैसेज से परेशान करोड़ों मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत मिलेगी. भारत में हाल के वर्षों में ऑनलाइन घोटाले और साइबर धोखाधड़ी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. Message Traceability को लागू करने के लिए ट्राई ने सभी टेलिकॉम ऑपरेटर्स को 30 नवंबर 2024 तक का समय दिया था. इस नियम को 1 दिसंबर से लागू किया जाना था लेकिन, बाद में सर्विस प्रवाइडर की मांग पर 10 दिन की और मोहलत दे दी गई थी. TRAI ने आज से इन नियमों को लागू कर दिया है मतलब आज से आपको वो मैसेज नहीं मिलेंगे जो टेलिमार्केटिंग का हिस्सा नहीं होंगे. नए नियम को लेकर ट्राई की तरफ से ऑफिशियल प्रेस रिलीज भी जारी कर दी गई है.

क्या है TRAI की नई Guidelines

आज 11 दिसंबर, 2024 को प्रभावी होने वाले नए संदेश ट्रेसिबिलिटी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य Commercial Messages की एंड-टू-एंड ट्रेसिबिलिटी सुनिश्चित करके हो रहे साइबर फ्रॉड को रोका जा सकेगा. नए नियमों के तहत, प्रिंसिपल एंटिटीज (PE) और टेलीमार्केटर्स (TM) के बीच एक स्पष्ट रूप से परिभाषित श्रृंखला(defined chain) स्थापित की जानी चाहिए. Message Traceability लागू होने के बाद कॉमर्शियल मैसेज और ओटीपी संबंधित मैसेज को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. इससे टेलिकॉम ऑपरेटर्स को स्पैम मैसेज और फेक मैसेज पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी.

लागू होने की तारीख से शुरू होकर,स्पैम मैसेज या कोई और मैसेज जो रजिस्टर्ड नहीं है, वाले किसी भी Message को दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा, जिससे ऐसे Message को उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोका जा सकेगा. कंपनियों को अब अपनी पीई-टीएम(PE-TM) Chain को Defined और Registered करना होगा. इन आवश्यकताओं का पालन न करने के परिणामस्वरूप मैसेज को रोक दिया जा सकता है, जिससे ग्राहक संचार और लेन-देन प्रक्रियाओं में संभावित व्यवधान हो सकता है. ग्राहकों पर, दिशा-निर्देशों से महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है.

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OTP को लेकर कोई परेशानी नहीं

TRAI की तरफ से ओटीपी बेस्ड मैसेज को ट्रैक करने के लिए पहली बार ट्रेसेबिलिटी को लागू करने की बात कही गई थी. तो माना जा रहा था कि इससे OTP आने में भी देरी हो सकती है, लेकिन बाद में ट्राई ने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया था. ट्राई ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि OTP Traceability को मोबाइल यूजर्स की सुविधा के लिए लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही इस नए नियम से ट्रांसपेरेंसी भी आएगी. TRAI ने बताया कि ट्रेसेबिलिटी लागू होने के बाद भी OTP यूजर्स को एकदम टाइम पर डिलीवर होंगे.

-भारत एक्सप्रेस



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