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Odisha में पहली BJP सरकार का शपथ ग्रहण समारोह इस वजह से टल गया, 10 की जगह अब 12 जून को होगा

भाजपा ने 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 78 सीट जीतकर सहज बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)

ओडिशा में पहली भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख 10 जून की जगह 12 जून कर दी गई है. पार्टी नेता जतिन मोहंती और विजयपाल सिंह तोमर ने रविवार को इसकी पुष्टि की.

मोहंती ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यस्तता के कारण कार्यक्रम स्थगित किया गया है. मोदी रविवार को अपने शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त रहेंगे और अगले दिन पार्टी सांसदों से मिलेंगे. इसके अलावा, नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली विधायक दल की बैठक अब 11 जून को तय की गई है.

चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कहा था कि ओडिशा की पहली भाजपा सरकार 10 जून को शपथ लेगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने भी शनिवार (8 जून) को इसकी पुष्टि की थी. पार्टी सूत्रों ने हालांकि बताया कि तारीख बदलने का फैसला रविवार को लिया गया.

नए मुख्यमंत्री को लेकर रहस्य

इस बीच, नए मुख्यमंत्री को लेकर अब भी रहस्य बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता और नवनिर्वाचित विधायक सुरेश पुजारी नई दिल्ली पहुंचे, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह शीर्ष पद के प्रमुख दावेदारों में से एक हो सकते हैं.


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पुजारी 2019 के चुनाव में बरगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने हाल ही में ब्रजराजनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता. उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा के लिए नई दिल्ली बुलाया गया है.

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नेता के नाम पर अंतिम फैसला नहीं कर पाया है, लेकिन पार्टी की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट तस्वीर सामने आने के लिए दो दिन और इंतजार करना होगा.

नई दिल्ली से लौटने के बाद सामल ने कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड अपनी बैठक में मुख्यमंत्री के बारे में निर्णय लेगा.

नवीन पटनायक के 24 साल के शासन का अंत

ओडिशा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के 24 साल के शासन का अंत हो गया. भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीट जीतकर सहज बहुमत हासिल किया. पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था. इस बीच, भुवनेश्वर के जनता मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं.

इस चुनाव में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) को सिर्फ 51 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस (Congress) ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी तो माकपा (CPIM) को सिर्फ 1 सीट मिल पाई थी. चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदारों ने जीत हासिल की है. लोकसभा चुनावों में भी BJD को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें भाजपा ने 20 सीटें जीतीं और कांग्रेस राज्य की 21 सीटों में से 1 पर विजयी हुई.

-भारत एक्सप्रेस

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