राहुल गांधी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET-UG)’ मेडिकल प्रवेश परीक्षा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि नए कार्यकाल के लिए मोदी के शपथ लेने से पहले ही परीक्षा में कथित ‘अनियमितताओं’ के कारण 24 लाख से अधिक छात्रों को नुकसान पहुंचा है.
राहुल ने देश के छात्रों को आश्वासन दिया कि वह संसद में उनकी आवाज बनेंगे और उनके भविष्य से जुड़े मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएंगे.
नीट-यूजी में अंक बढ़ाए जाने के आरोपों के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने शनिवार को कहा था कि शिक्षा मंत्रालय ने ग्रेस मार्क पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘नरेंद्र मोदी ने अभी शपथ भी नहीं ली है और नीट परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक छात्रों और उनके परिवारों को तोड़ दिया है.’
उन्होंने कहा कि एक ही परीक्षा केंद्र से छह छात्र अधिकतर अंक प्राप्त कर शीर्ष पर रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसे अंक कितने छात्रों को मिलते हैं. यह तकनीकी रूप से संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार प्रश्न पत्र लीक की संभावना को लगातार नकार रही है.’
नरेंद्र मोदी ने अभी शपथ भी नहीं ली है और NEET परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक स्टूडेंट्स और उनके परिवारों को तोड़ दिया है।
एक ही एग्जाम सेंटर से 6 छात्र मैक्सिमम मार्क्स के साथ टॉप कर जाते हैं, कितनों को ऐसे मार्क्स मिलते हैं जो टेक्निकली संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 9, 2024
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे इस ‘प्रश्न पत्र लीक उद्योग’ से’’ निपटने के लिए ही कांग्रेस ने एक मजबूत योजना बनाई थी. हमने अपने घोषणा पत्र में कानून बनाकर छात्रों को ‘प्रश्न पत्र लीक से मुक्ति’ दिलाने का संकल्प लिया था.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘आज मैं देश के सभी छात्रों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संसद में आपकी आवाज बन कर आपके भविष्य से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाऊंगा.’
उन्होंने कहा कि युवाओं ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) पर भरोसा जताया है और ‘I.N.D.I.A.’ उनकी आवाज को दबने नहीं देगा.
5 मई को हुई थी परीक्षा
5 मई को 571 शहरों में आयोजित प्रवेश परीक्षा में करीब 24 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 14 भारत से बाहर के थे. उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश भर के 700 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,08,940 एमबीबीएस सीटें हैं. हाल ही में इसके नतीजे घोषित होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. परीक्षा के नतीजे 14 जून को जारी होने थे, लेकिन इसे 10 दिन पहले 4 जून को इसे जारी किया गया.
रिजल्ट आने के बाद छात्रों ने अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों के बारे में चिंता जताना शुरू कर दिया. बड़ी संख्या में छात्रों ने शीर्ष रैंक हासिल की, जिनमें से लगभग 67 ने 99.997129 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. कटऑफ बढ़ाए जाने को लेकर चिंताएं पैदा हुईं, खासकर तब जब कुछ छात्रों ने मार्किंग स्कीम की बाधाओं के बावजूद 718 और 719 सहित असाधारण रूप से ज्यादा अंक प्राप्त किए.
NTA ने परीक्षा के दौरान समय की हानि का सामना करने वाले उम्मीदवारों को Compensatory Marks दिए. इसके अलावा पाठ्यपुस्तकों में विसंगतियों के कारण कुछ छात्रों के अंक बढ़ गए, जिससे टॉपर्स की संख्या में और वृद्धि हुई है.
विवाद के प्रमुख कारण
1. 720/720 अंक पाने वाले 67 छात्र टॉपर घोषित किए गए हैं, जबकि 2023 में दो और 2022 में एक टॉपर था.
2. दो छात्रों ने 718 और 719 अंक प्राप्त किए, जो कि NEET मार्किंग स्कीम के अनुसार असंभव है.
3. NEET-UG के परिणाम 10 दिन पहले 4 जून को जारी करना, उसी दिन जब लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए थे.
4. NEET-UG 2024 के कई टॉपर एक ही परीक्षा केंद्र से हैं.
5. NEET पेपर लीक होने के आरोप.
6. गलत प्रश्न के लिए लगभग 1,600 छात्रों को ग्रेस अंक दिए गए
NTA का तर्क
तमाम आरोपों के बीच एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वे ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों के परिणामों की जांच के लिए एक समिति गठित करेंगे और एक सप्ताह में फैसला सुना दिया जाएगा, ताकि प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित न हो.
इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया है और कई दलों ने इन परीक्षा की विश्वसनीयता को लेकर चिंता जताई है. कांग्रेस ने NEET में ‘अनियमितताओं’ की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की शुक्रवार (7 जून) को मांग की और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर युवाओं को धोखा देने एवं उनके भविष्य के साथ खेलने का आरोप लगाया.
रिजल्ट के खिलाफ याचिका
रिजल्ट के खिलाफ दो उच्च न्यायालयों में कम से कम दो याचिकाएं दायर की गई हैं. 1 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पेपर लीक होने के आधार पर परीक्षा फिर से आयोजित की जाए. पिछले महीने इसी तरह की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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