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FIU ने 9 ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी किया कारण बताओ नोटिस

FIU ने मनी लांड्रिग कानून का उल्लंघन करने के आरोप में नौ विदेशी क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) प्लेटफार्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (FIU IND) ने 9 ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) बिनेंस, कुकोइन, हुओबी, क्रैकन, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल, बिटफिनेक्स को अनुपालन कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस बात की जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है.

URL ब्लॉक करने की सिफारिश

एफआईयू आईएनडी ने भारत में पीएमएल अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन किए बिना अवैध रूप से संचालित होने वाली नौ संस्थाओं के यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखा है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “निदेशक एफआईयू आईएनडी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को उन संस्थाओं के यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए लिखा है, जो भारत में पीएमएल अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन किए बिना अवैध रूप से काम कर रहे हैं.”

मनी लांड्रिग का आरोप

FIU ने मनी लांड्रिग कानून का उल्लंघन करने के आरोप में नौ विदेशी क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) प्लेटफार्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एफआइयू ने इन 9 वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स पर मनी लांड्रिंग के साथ आतंकवाद के लिए फंडिंग का आरोप लगाया है.

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स (वीडीए एसपी) को मार्च 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएल) अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत एंटी मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (एएमएल-सीएफटी) ढांचे के दायरे में लाया गया था.

ऑफशोर संस्थाओं के खिलाफ अनुपालन कार्रवाई के हिस्से के रूप में, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (एफआईयू आईएनडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 की धारा 13 के तहत इन नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स (वीडीए एसपी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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FIU IND के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी

बता दें कि भारत में काम करने वाले VDA (ऑफशोर और ऑनशोर दोनों) और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट मुद्राओं के बीच विनिमय, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के हस्तांतरण, डिजिटल एसेट्स की सुरक्षा जैसी गतिविधियों में लगे हुए हैं, उन्हें FIU IND के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी है.

-भारत एक्सप्रेस



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