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उत्तर प्रदेश: गोमती पुस्तक महोत्सव की तैयारियां शुरू, नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया लखनऊ में कराएगा इसका आयोजन

हर साल गोमती रिवरफ्रंट पार्क में आयोजित होने वाले गोमती पुस्तक महोत्सव की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं. इस बार यह 9 से 17 नवंबर तक आयोजित होगा. यह गोमती पुस्तक महोत्सव का तीसरा संस्करण होगा.

गोमती पुस्तक महोत्सव

भारत सरकार के नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया (NBT) की ओर से लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट पार्क में गोमती पुस्तक महोत्सव का आयोजन कराया जाएगा. ये महोत्सव गोमती रिवरफ्रंट पार्क में 9 से 17 नवंबर तक आयोजित होगा.

इस पुस्तक महोत्सव में पाठकों के लिए 150 से अधिक बुक स्टॉल होंगे, 100 से अधिक साहित्यिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बाल-मंच पर बच्चों के लिए म्यूजिकल स्टोरीटेलिंग, थियेटर, कैलिग्राफी, कैरीकेचर, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट वर्कशॉप और आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर बाल उन्मुखीकरण के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.

गोमती पुस्तक महोत्सव

नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले साल यह साहित्यिक महोत्सव 9 से 17 दिसंबर को आयोजित हुआ था और तब इसे लखनऊ और उत्तर प्रदेश के बाहर भी काफी सराहा गया था. उन्‍होंने कहा कि इस बार गोमती पुस्तक महोत्सव को और बड़े स्तर पर आयोजित कराया जाएगा.

‘पुस्तकें सभी के लिए’ रहेगी महोत्सव की थीम

गोमती पुस्तक महोत्सव के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, आगामी पुस्तक महोत्सव की थीम ‘पुस्तकें सभी के लिए’ रहेगी. गोमती पुस्तक महोत्सव 2024 के जरिए एनबीटी-इंडिया के उस मिशन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें ‘देश का हर बच्चा पढ़े और हर हाथ में पुस्तक’ पहुँचाने का सपना देखा गया था.

राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप का स्टॉल भी लुभाएगा

गोमती पुस्तक महोत्सव 2024 में आपके लिए हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, अवधी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकें होंगी, दिव्यांगों के लिए ब्रेल पुस्तकों का अलग से स्टॉल होगा. इस बार राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप का स्टॉल भी लखनऊ के युवाओं को खूब लुभाएगा. यह ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहाँ हजारों गैर-शैक्षणिक पुस्तकें नि:शुल्क पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं. इसके प्रति जागरूक करने के लिए यहाँ ओरियेंटशन सत्र भी आयोजित किए जाएँगे.

अवध के साहित्य, इतिहास, परंपरा, संस्कृति को पुस्तकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये कैसे समझा जा सकता है और किस तरह साहित्यिक परंपरा को आने वाली पीढ़ी के लिए एक विरासत के रूप में भेंट किया जा सकता है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण गोमती पुस्तक महोत्सव में देखा जा सकेगा.

– भारत एक्‍सप्रेस



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