कवि, गीतकार और लेखक गोपाल दास ‘नीरज’ की छठी पुण्यतिथि पर राजधानी दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन आज (19 जुलाई) होने जा रहा है. यह कार्यक्रम दिल्ली के रायसीना रोड पर स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के परिसर में शाम 6:30 से शुरू होगा. साल 2024 गोपालदास नीरज का जन्म शताब्दी वर्ष भी है.
गोपालदास ट्रस्ट के संरक्षक हैं सीएमडी उपेंद्र राय
‘नीरज सम्मान समारोह’ का आयोजन भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, एमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय और गोपाल दास नीरज के पुत्र मृगांक प्रभाकर की ओर से किया जा रहा है. कार्यक्रम के आयोजन में प्रेस क्लब के अलावा हिंदी अकादमी और महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट भी शामिल हैं. सीएमडी उपेंद्र राय इस ट्रस्ट के संरक्षक हैं.
सीएमडी उपेंद्र राय की ओर से महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की स्मृति में पहले भी कार्यक्रम कराए गए हैं. विगत वर्ष उन्होंने काव्यांजलि सम्मान समारोह के दौरान अभिनेता अन्नू कपूर को गोपालदास नीरज पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया था.
जावेद अख्तर को किया जाएगा सम्मानित
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा करेंगे. मध्य प्रदेश सरकार में खेलकूद/सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग मुख्य अतिथि, पंजाब पुलिस के एडीजीपी फैयाज फारूकी अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इनके अलावा हिंदी अकादमी के सचिव ऋषि कुमार और पूर्व एमएलसी रामनरेश यादव विशिष्ट अतिथि होंगे.
कार्यक्रम में गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर को ‘महाकवि नीरज सम्मान-2024’ से सम्मानित किया जाएगा. आयोजन की शोभा बॉलीवुड की कुछ प्रमुख हस्तियां बढ़ाएंगी, जिनमें अभिनेता और निर्देशक अन्नू कपूर, फिल्म निर्माता बोनी कपूर और पटकथा लेखक तथा फिल्मकार रूमी जाफरी शामिल होंगे. ये तीनों लोग विशेष आमंत्रित विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे.
कौन हैं गोपाल दास नीरज
गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ का जन्म 4 जनवरी 1925 को इटावा जिले के ब्लॉक महेवा के पास पुरावली गांव में हुआ था. हिंदी सिनेमा के लिए उनके द्वारा लिखे गीत बेहद लोकप्रिय रहे. उन्होंने प्रेम पुजारी (1970) फिल्म का ‘लिखे जो खत तुझे’, ‘रंगीला रे तेरे रंग में’, चंदा और बिजली (1970) फिल्म का ‘काल का पहिया घूमे रे भइया’, पहचान (1971) फिल्म का ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं’ और मेरा नाम जोकर (1972) का ‘ए भाई! जरा देख के चलो’ जैसे यादगार गीत लिखे हैं.
1991 में उन्हें पद्मश्री और 2007 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. 1994 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ‘यश भारती पुरस्कार’ दिया. नीरज को विश्व उर्दू पुरस्कार से भी नवाजा गया. उनका निधन 19 जुलाई 2018 को हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.