पॉपकॉर्न होगा महंगा.
राजस्थान के जैसलमेर में शनिवार (21 दिसंबर) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक हुई. इस बैठक में कई खाद्य पदार्थों से लेकर हेल्थ, डिफेंस और अन्य चीजों पर नए टैक्स रेट को लेकर फैसला लिया गया. इस बैठक में पॉपकॉर्न पर तीन टैक्स लागू किए जाने का भी निर्णय लिया गया है.
फ्लेवर के हिसाब से लगेगा टैक्स
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पॉपकॉर्न पर तीन तरह के जीएसटी रेट्स तय किए गए हैं. अगर पॉपकॉर्न साधारण नमक या मसालों से बना हुआ है और पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं है, तो इस पर 5% जीएसटी लगेगा. वहीं, अगर यह पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो इस पर जीएसटी 12% तक पहुंच जाएगा. इसके अलावा, अगर पॉपकॉर्न में चीनी या कारमेल फ्लेवर है, तो इसे ‘चीनी कन्फेक्शनरी’ की श्रेणी में रखा जाएगा और इस पर 18% जीएसटी लगेगा.
भारत में तेजी से बढ़ रहा व्यापार
भारत में पॉपकॉर्न का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. 2023 में भारत में पॉपकॉर्न का बिजनेस करीब 1200 करोड़ रुपये था और यह लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं, दुनिया भर में पॉपकॉर्न का बाजार इस साल 8 अरब डॉलर से भी ज्यादा का हो गया है.
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इन वस्तुओं टैक्स को लेकर फैसला
इसके अलावा, 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ और अहम फैसले भी लिए गए. जैसे कि पुरानी कारों पर जीएसटी, फोर्टिफाइड चावल पर टैक्स में कमी, और कुछ अन्य उत्पादों पर जीएसटी में बदलाव किए गए हैं. हालांकि, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी कम करने के प्रस्ताव को टाल दिया गया है, साथ ही ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स जैसे Zomato और Swiggy पर जीएसटी में कटौती का प्रस्ताव भी स्थगित कर दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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