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Gujarat: गुजरात पुलिस ने डिजिटल धोखाधड़ी के एक मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है. जहां, एक चीनी व्यक्ति ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप बनाया और 1200 लोगों को 1400 करोड़ का चूना लगाकर फरार हो गया. गुजरात पुलिस के मुताबिक, यह फ्रॉड महज 9 दिनों के भीतर हुआ. अब गुजरात पुलिस ने मास्टरमाइंड का पर्दाफाश करने के लिए एक एसआईटी का गठन किया है.
शुरुआती जांच के मुताबिक, इस धोखाधड़ी के पीछे चीन के शेन्जेन के रहने वाले वू उयानबे है. उयानबे इससे पहले पाटन और बनासकांठा में साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया था. सीआईडी को इस फ्रॉड के बारे में सबसे पहले 2022 में पता चला. उस समय जांच के दौरान सीआईडी की नजर ठगों के एक ग्रुप पर पड़ी. यह ग्रुप “दानी डेटा’ नामक ऐप के माध्यम से गुजरात और उत्तर प्रदेश को लोगों को चूना लगा रहे थे. बाद में जब युपी पुलिस ने इनपुट के आधार पर जांच शुरू की तो गुजरात के कई लोगों से लिंक सामने आया.
15 से 75 साल के लोगों को किया टारगेट
बताया गया कि चीनी शख्स साल 2020 से 2022 तक भारत में था. इस दौरान वो लोगों को लालच देकर अपने झांसे में फंसाता था. इसी दौरान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक फ्रॉड ऐप लॉन्च किया. औसतन उसके टारगेट पर 15 से 75 साल तक के लोग थे. प्रतिदिन उसने लगभग 200 करोड़ की ठगी की. हालांकि, 9 दिनों के बाद ऐप ने अचानक काम करना बंद कर दिया. जब लोगों ने पुलिस से मामले की शिकायत की तो 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इन सभी ने हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसे उयानबे को भेजने में मदद की थी. हैरत की बात तो ये भी थी कि जब तक पुलिस मास्टरमाइंड तक पहुंच पाती तब तक वो चीन भागने में कामयाब हो गया था.
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सबूत जमा करने में असमर्थ रही सीआईडी
दुर्भाग्य से, सीआईडी उयानबे के खिलाफ पर्याप्त सबूत जमा करने में असमर्थ रही. इसी वजह से अभी तक उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. पुलिस विभाग के सूत्रों से संकेत मिलता है कि मास्टरमाइंड शेन्ज़ेन, चीन जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ हांगकांग और सिंगापुर जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है. कथित तौर पर वह विभिन्न धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए कई ऐप्स का उपयोग करता है. मार्च में सीआईडी ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था.
-भारत एक्सप्रेस