सिक्कों से भरे बोरे लेकर नामांकन करने पहुंचा निर्दलीय प्रत्याशी
गुजरात विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की रैलियों के बीच काफी शोर शराबा है. लेकिन इसी बीच एक निर्दलीय प्रत्याशी जब अपना नामांकन करने चुनाव आयोग कार्यलय पहुंचा तो सब हैरान हो गए. क्योंकि उसके हाथ में दो बोरे थे, जो 1-1 के सिक्कों से भरे हुए थे. जिसकी कुल कीमत 10 हजार रुपए बताई जा रही है. जिसके बाद उन्होने चुनाव आयोगी कार्यलय में 10 हजार का शुल्क दाखिल कर अपना नामांकन दाखिल किया.
महेंद्रभाई पाटनी ने किया निर्दलीय नामांकन
गांधीनगर नॉर्थ सीट पर नामांकन करने वाले का नाम महेंद्रभाई पाटनी है और वो गांधीनगर में ही रहते है. उनका कहना है कि,”जहां मैं रहता हूं, वहां कि हालत से में नाखुश हूं. मीडिया की तरफ से जब उससे इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि,“मैं स्थायी रोजगार से वंचित एक मजदूर हूं. हमारे पास न घर है, न पीने का पानी और न ही बिजली है. मेरे पड़ोसी मेरा समर्थन करने के लिए राजी हो गए. क्योंकि मेरे पास नोमिनेशन की डिपॉजिट फाइल करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. इसलिए मुझे वोट देने का वादा करने वाले लोगों से मैंने लगातार तीन दिनों तक ये सिक्के मांगकर जमा किए है”.
हलफनामे में शून्य संपत्ति दर्ज
जब महेंद्रभाई पाटनी के नामांकन करने पहुंचे तो आयोग ने उनकी संपत्ति के बारे में पूछा था. बता दें कि उनके हलफनामे में संपत्ति के सामने शून्य दर्ज है. इस बारे में उन्होने कहा कि , ‘मैंने 14 नवंबर को ही बैंक ऑफ बड़ौदा में जीरो बैलेंस बैंक खाता खोला था. क्योंकि चुनाव के लिए यह जरूरी था’.
गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट पर कुल 28 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जिसमें महेंद्रभाई पाटनी का नाम भी शामिल है. इस सीट दूसरे चरण में मतदान होगा. बता दें की महेंद्रभाई BPL कार्ड धारक मजदूर है.
आप प्रत्याशी भी लेकर पहुंचे थे सिक्के
गुजरात विधानसभा चुनाव में महेंद्रभाई पाटनी अकेले ऐसे प्रत्याशी नहीं हैं. जिन्होंने एक रुपये के सिक्के से नामांकन दाखिल किया है. आप पार्टी के उम्मीदवार स्वेजल व्यास भी अपना नामांकन सिक्कों से भरी बोरी लेकर पहुंचे थे. वो वड़ोदरा की सयालीगंज सीट से प्रत्याशी है.
प्लानर व्यास ने कहा था, “जब मैं चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में खड़ा हुआ, तो लोग मुझसे पूछने लगे कि वे मेरे लिए क्या कर सकते हैं. मैंने उन्हें आशीर्वाद के रूप में एक रुपये देने के लिए कहा. मैंने ज़्यादातर पैसे गूगल पे के ज़रिए जमा किए थे. मुझे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. पूरी रकम केवल तीन घंटे में इकट्ठा की गई थी.”
– भारत एक्सप्रेस