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Lucknow: “फिर से चालू है गुंडों की रोज सफाई जी, माफिया-लुटेरे बन गये हैं जेलों में आज जमाई जी…”

Haasy Kavi Sammelan: हास्य कवि सम्मेलन ‘चक्कल्लस’ में जमकर लगे ठहाके, देश भर से पहुंचे कवियों ने ऐसा समां बांधा कि देर रात तक महफिल जमी रही.

हास्य कवि सम्मेलन

Lucknow: साहित्य सूर पं० अमृत लाल नागर एवं लालजी टण्डन द्वारा स्थापित होलिकोत्सव समिति चौक, लखनऊ द्वारा होली के पुनीत पर्व पर हास्य कवि सम्मेलन ‘चक्कलस का आयोजन किया गया. विगत 6 दशकों से आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में गुरुवार को भी बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. सामाजिक सौहार्द एवं गंगा-जमुनी तहजीब के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मंच पर सर्वप्रथम कार्य का शुभारम्भ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया, क्षेत्रीय विधायक नीरज बोरा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया.

हास्य कवि सम्मेलन प्रत्येक वर्ष की भांति समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सराहनीय एवं उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन, डॉ. नीरज बोरा ने अंगवस्त्रम, पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंटकर पं. अमृत लाल नागर सम्मान से सम्मानित किया.

सम्मानित होने वाली विभूतियों में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित सिविल डिफेंस के चीफ व लखनऊ व्यापार मंडल अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा, उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ से महासचिव आनंदेश्वर पांडे, कोषाध्यक्ष सैयद रफत रिजवी, मनीष कक्कड़, व्यापार मंडल पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, महामंत्री पवन मनोचा , कोषाध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता ,अनिल वरमानी, डॉ. एके तिवारी, डॉ. जेके बंसल, डॉ. अनिल गुप्ता विशेष सामाजिक सहयोग एव समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया.

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राष्ट्रीय कवि वेदव्रत बाजपेई को अमृतलाल नागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया व डॉ. नीरज बोरा ने अतुल ज्वाला को डीपी बोरा स्मृति सम्मान से नवाजा, लखनऊ महानगर अध्यक्ष, सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा ने कवि नरेश कात्यायन को काशीनाथ बाजपेई स्मृति सम्मान से सम्मानित किया.

सम्मान समारोह के उपरान्त प्रेरणा ठाकरे ने वाणी वंदना प्रस्तुति के साथ कवि सम्मेलन का आरम्भ किया. राष्ट्रीय कवि वेद व्रत बाजपेई नरेश कात्यायन व अतुल ज्वाला द्वारा हैंसी-ठिठोली और व्यंगात्मक मनोरंजन के साथ सभी का मनोरंजन करते हुए कुशल मंच संचालन किया. चक्कल्लस के मंच को अपनी रचनाओं के माध्यम से मंच को विख्यात कवि प्रताप फौजदार, अतुल ज्वाला, गौरव चौहान, प्रेरणा ठाकरे, सुनैना त्रिपाठी, देवेन्द्र नटखट नरेश कात्यायन, विकास बाखल, कुशल कुशवाहा, जगजीवन मिश्रा. राकेश बाजपेई, मनुवृत बाजपेयी व वंदना विशेष द्वारा रचना की प्रस्तुति की गई. कार्यक्रम का सिलसिला देर रात तक चला, जिसमें हास्य रस के साथ देश व प्रदेश की राजनीति से सम्बन्धित गौरव चौहान की रचनाओं का बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने जमकर आनन्द उठाया और हंसी-ठिठोली की. इस दौरान कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंजता रहा.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से लखनऊ व्यापार मण्डल अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र, पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा, महामंत्री अनुराग मिश्रा, उप विजेता अंजनी श्रीवास्तव, उप विजेता रजनीश गुप्ता, गोविन्द शर्मा, ओम प्रकाश दीक्षित, डॉ० राज कुमार वर्मा, अजय अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, अतुल गुप्ता, सोनू अग्रवाल, गिरधारी लाल तिवारी, अमील शम्सी, उमेश पाटिल मुख्य रूप से उपस्थित रहे. इस अवसर पर समिति संरक्षकों व पदाधिकारियों में रामऔतार कनौजिया, पूर्व पार्षद अनुराग पाण्डेय, साकेत शर्मा, संकेत मिश्रा, पियूष माइती, आनन्द रस्तोगी, संजीव झींगरन, सुनील गुप्ता, सुनीत कपूर, पुत्तन तिवारी, अवधेश शुक्ला, संकेत मिश्रा, जय आनन्द, जय गुप्ता, प्रवीन गर्ग, शिवम गुप्ता, संजय त्रिवेदी, डीपी सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे और कवि सम्मेलन का आनंद लिया.

विभिन्न कवियों द्वारा सुनाई गई रचनाएं

अतुल ज्वाला
“पिता के संस्कारों से ज्यादा कुछ भी नहीं
उनकी मुस्कराहट की घड़ी दो घड़ी से ज्यादा कुछ भी नहीं
मैं कितना भी कमा लूँ दुनिया से,
मेरी कीमत उनकी पगड़ी से ज्यादा कुछ भी नहीं”

गौरव चौहान
“दुबारा फिर से चालू है गुंडों की रोज सफाई जी माफिया लुटेर बन गये हैं जेलों में आज जमाई जी
जो रोका थोड़ा बिल भइये भ्रष्टाचारी हैं ठोकर पे यूपी में बाबा जचता है, जचता है बुलडोजर जी.”

प्रेरणा ठाकरे
“देश पे उठाई गई आंख फोड़ देंगे हम. हो सके तो अपनी नजर को सम्माल लो. यश में विदेशियों के चाल में न बहको जी. पथ से भटकते रहते पैर को संभाल लो.

नरेश कात्यायन
“इस बार राम ने जैसे ही दशकंदर को ललकारा है. तरकश से तीखे तीर लिये कंधे से धनुष उतारा है. वैसे ही विकल दशानन का आकुल विद्रोही मन डोला, वाणी में विस्फोटक भर कर वह राघव से बोला. रावण पर वाण चलाने का ऐसा उपाय नहीं करना दशरथ नंदन सावधान ऐसा अन्याय नहीं करना.”

देवेन्द्र नटखट
“महिला ने पुरुष पहलवान को पछाड़ा, मार लिया मैदान जीत लिया अखाड़ा. यह देश उस्ताद जी का खोपड़ा खन्त हो गया, एक मिनट में लंघोटा जब्त हो”

राकेश बाजपाई
“अपने ही हाथ-पैर को कटाने पर तुले हैं. फिर से गुलामी की बू सुधाने पर तुले हैं. सत्ता के लोलुप लोगी, तन-मन-धन से बिक गये. भारत मां को द्रोपदी बनाने पर तुले हैं”

-भारत एक्सप्रेस



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