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क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग के प्रमुख ने की भारतीय उच्च शिक्षा की तारीफ, कहा- भविष्य उज्ज्वल

लंदन स्थित शिक्षा संस्थान Quacquarelli Symonds (QS) ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि भारतीय उच्च शिक्षा का भविष्य उज्ज्वल है, और इस परिवर्तन को देखना सौभाग्य की बात है.

पीएम मोदी के साथ नुंजियो क्वाक्वेरेली

लंदन स्थित शिक्षा संस्थान क्वाक्वेरेली साइमंड्स (Quacquarelli Symonds – QS) के संस्थापक नुंजियो क्वाक्वेरेली में भारत की उच्च शिक्षा को लेकर एक लिंक्डइन पोस्ट लिखा है. अपनी पोस्ट में उन्होंने जी20 देशों में भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन की सराहना की है. बता दें कि उच्च शिक्षा विश्लेषण संबंधी कंपनी क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) ने 10 अप्रैल को विश्व के टॉप शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग जारी की.

क्यूएस विश्वविद्यालय रैंकिंग के अनुसार भारतीय प्रबंधन संस्थान (अहमदाबाद) व्यवसाय एवं प्रबंधन अध्ययन श्रेणी में विश्व के शीर्ष 25 संस्थानों में से एक है, जबकि आईआईएम-बेंगलौर और आईआईएम-कलकत्ता शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल हैं. वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भारत में सर्वोच्च रैंक वाला विश्वविद्यालय है. विकास अध्ययन श्रेणी में यह विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है. इसके अलााव चेन्नई स्थित सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज दंत चिकित्सा अध्ययन श्रेणी में विश्व स्तर पर 24वें स्थान पर है. क्वाक्वेरेली ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन के संबंध में ये बातें कही हैं.

G20 देशों के बीच उच्चतम प्रदर्शन

क्वाक्वेरेली ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि- अगले कुछ हफ्तों में मैं विषय के आधार पर नवीनतम क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के कुछ परिणाम साझा करने जा रहा हूं, जो 10 अप्रैल को प्रकाशित हुए थे, जिसकी शुरुआत भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली से होगी. इस वर्ष, भारतीय विश्वविद्यालयों ने सभी G20 देशों के बीच उच्चतम प्रदर्शन सुधार (उनकी औसत रैंकिंग में साल-दर-साल 14% का महत्वपूर्ण सुधार) का प्रदर्शन किया. अनुसंधान उत्पादन के मामले में, भारत दुनिया के सबसे तेजी से विस्तार करने वाले अनुसंधान केंद्रों में से एक बन गया है.

रिसर्च के क्षेत्र में बड़ी प्रगति

क्यूएस के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार करने वाले शोध केंद्रों में से एक है. इसे लेकर क्वाक्वेरेली ने लिखा कि 2017 से 2022 तक, इसके रिसर्च आउटपुट में 54% की प्रभावशाली वृद्धि हुई, जिससे यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अनुसंधान उत्पादक बन गया. वैश्विक मंच पर भारत की प्रगति को निस्संदेह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 जैसी दूरदर्शी नीतियों से सहायता मिली है. मुझे वैश्विक उच्च शिक्षा रुझानों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का सम्मान मिला.

पीएम मोदी से मुलाकात पर लिखी यह बात

पीएम मोदी से मुलाकात पर क्वाक्वेरेली ने लिखा कि हमारी विशेष बातचीत के दौरान, यह स्पष्ट था कि पीएम मोदी के पास भारतीय शिक्षा में क्रांति लाने की एक भावुक प्रतिबद्धता है, जो एनईपी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में परिलक्षित होती है. हमारी नवीनतम विषय रैंकिंग से पता चलता है कि ये लक्ष्य भारतीय विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण उपस्थिति और बेहतर प्रदर्शन में दिखने लगा है. हमारे विश्लेषण में 96 देशों में 1,500 से अधिक विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जो 55 शैक्षणिक विषयों और पांच संकाय क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं.

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क्यूएस विषय रैंकिंग को लेकर दी बधाई

क्वाक्वेरेली ने क्यूएस विषय रैंकिंग को लेकर लिखा कि भारत अब 55 क्यूएस विषय रैंकिंग में से 44 में प्रमुख स्थान पर है. कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन और भौतिकी सहित अन्य में असाधारण प्रदर्शन नोट किया गया. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) ने किसी भी विषय रैंकिंग में शीर्ष 100 में 69 भारतीय विश्वविद्यालय पदों में से 47 का योगदान दिया. पूरे एशिया में, भारत अब क्यूएस विषय रैंकिंग में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. उन सभी विश्वविद्यालयों, उनके प्रशासकों, संकाय सदस्यों और छात्रों को बधाई जिन्होंने इन उल्लेखनीय परिणामों को प्राप्त करने के लिए अथक परिश्रम किया है. भारतीय उच्च शिक्षा का भविष्य उज्ज्वल है, और इस परिवर्तन को सामने आते देखना सौभाग्य की बात है.

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