दिल्ली हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह एक ट्रांसजेंडर को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए उचित सुरक्षा मुहैया कराए. उसने कहा कि संविधान के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय को दिए गए अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें लागू करना राज्य का कर्तव्य है. न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंहदीरत्ता ने यह कहते हुए डीसीपी (दक्षिणी) से कहा कि वे याचिकाकर्ता को नामांकन पत्र भरने के दौरान उचित सुरक्षा मुहैया कराए. उन्होंने इसके साथ ही उससे संबंधित याचिका का निपटारा कर दिया.
याचिकाकर्ता राजन सिंह राष्ट्रीय बहुजन कांग्रेस पार्टी के समर्थन से दक्षिण दिल्ली संसदीय सीट से नामांकन दाखिल करना चाहते हैं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि बदरपुर में उनके कार्यालय में उनपर इस महीने की शुरूआत में जानलेवा हमला किया गया था. इस वजह से उन्होंने अपनी मौलिक अधिकारों की रक्षा तथा उचित सुरक्षा के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है और याचिका दाखिल की है.
न्यायमूर्ति ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के लिए भी सभी को समानता सुनिश्चित करता है. यौन रूझान या लैंगिक पहचान के आधार पर कोई भी भेदभाव इस प्रावधान का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 14 चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी सहित राज्य की गतिविधि के सभी क्षेत्रों में कानूनों की समान सुरक्षा सुनिश्चित करता है. संविधान के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय को दिए अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की है. निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा था कि नामांकन प्रक्रिया 29 अप्रैल को शुरू हो गई है और याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार नामांकन करने की छूट है.
ये भी पढ़ें- तिहाड़ में बंद मनीष सिसोदिया की दूसरी जमानत अर्जी भी हुई खारिज, CBI ने बताया था घोटाले का किंगपिन
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.