दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के दौरान सरकारी संपत्तियो को नुकसान पहुचाने से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में हर दिन कोई ना कोई संकट आता रहता है. डेंगू, मलेरिया और यह लोकतंत्र त्योहार. कोर्ट ने कहा कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग का त्योहार नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपने इस चुनाव में आम चुनाव से भी ज्यादा कितना पैसा खर्च किया है?
हाईकोर्ट ने छात्रों व उम्मीदवारों से परिसर को साफ करने और पोस्टर हटाने को कहा ताकि डूसू चुनाव की गिनती की अनुमति दी जा सके. चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान दीवारों और अन्य जगहों पर जो बैनर पोस्टर लगाए गए हैं पहले इसकी साफ-सफाई और रंग-रोगन कराया जाए उसके बाद अगली सुनवाई में डूसू चुनाव की गिनती की अनुमति दी जाएगी.
लागत की भरपाई करेगी DU
अदालत ने कहा कि वो सिर्फ एक संदेश देना चाह रहे हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उम्मीदवारों से कहा कि आपने इतना पैसा खर्च किया है कि आप उस जगह को साफ कर सकते है. आप क्या कर रहे हैं और क्या बनते जा रहे है. कोर्ट ने कहा कि हमने ऐसा चुनाव कभी नही देखा. कोर्ट 21 अक्टूबर को मामले में अगली सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान जितनी भी सार्वजनिक संपत्ति को गंदा किया गया है, उसकी सफाई में आने वाली लागत की भरपाई डीयू को करनी होगी.
मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव नहीं है
कोर्ट ने कहा था कि बाद में इस पैसे की भरपाई चुनाव लड़ने वाले उन उम्मीदवारों से कर सकती है, जिन्होंने उक्त अपराध किया है. कोर्ट ने साफ कहा था कि जब तक सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे पोस्टर नही हटाया जाता तब तक वोटों की गिनती पर लगी रोक जारी रहेगी. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है न कि मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह से सिस्टम बको युवाओं को करप्ट नही होने देना चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि यह स्थिति देश के आम चुनाव से भी बुरी है.
लेना होगा सख्त एक्शन
कोर्ट ने पूछा था कि क्या कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितना पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि करोड़ो रुपया खर्च किया जा रहा है. लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार प्रचार में मुद्रित पोस्टर व बैनर का प्रयोग प्रतिबंधित है. जबकि कैंपस की दीवारों पर इस तरह के पोस्टरों की भरमार है और जगह-जगह होल्डिंग्स भी लगे हुए है. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह से पैसा को बर्बाद नहीं होने देना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि आपको सख्त एक्शन लेना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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